Adityapur (Sanjeev Mehta) : देश के विभाजन में शहीद हुए पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तीन दिवसीय भागीरथवंशी शहीद आत्मा शांति महायज्ञ का आयोजन खरकई तट पर स्थित जय प्रकाश उद्यान में 14 से 16 जून तक आयोजित होगी. अध्यक्ष ने बताया कि यह अनोखा यज्ञ है जो राजा भगीरथ और भगवान परशुराम के बाद इस पृथ्वी पर हो रहा है. जिन्होंने राजा शान्तनु के पुत्रों की आत्मा की शांति के लिए किया था. दूसरा यज्ञ भगवान परशुराम ने आत्मा की शांति के लिए किए थे. अब तीसरी बार देश विभाजन के समय तकरीबन शहीद हुए करीब 20 लाख लोगों की आत्मा की शांति के लिये शान्ति यज्ञ का आयोजन हो रहा है. 14 जून को सुबह साढ़े 7 बजे झंडोत्तोलन होगा. 8 बजे 501 महिलाओं के द्वारा चित्रकूट घाट के लिए कलश यात्रा के लिए निकलेगी.
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गीता महाग्रंथ का प्रवचन होगा
वहीं संध्या चार बजे से चित्रकूट धाम से पधारे श्रीश्री 108 स्वामी सीताराम शरण महाराज का गीता महाग्रंथ का प्रवचन होगा. 15 जून को प्रातः आठ बजे से हवन यज्ञ, तर्पण और संध्या चार बजे से प्रवचन जबकि 16 जून को सुबह नौ बजे से गीता पाठ, सिख समुदाय के लोग अंतिम अरदास करेंगे और अंत में गायत्री परिवार की ओर से हवन के साथ महायज्ञ का समापन होगा और दोपहर एक बजे से महाप्रसाद का वितरण होगा. शाम में अंतिम प्रवचन के साथ महायज्ञ का समापन होगा. इस यज्ञ का संदेश होगा कि देश में कभी सामुहिक नरसंहार नहीं होगा. देश विभाजन के 76 वर्ष बाद जमशेदपुर के प्रबुद्ध जनों ने यह महायज्ञ का अनुष्ठान करने का निर्णय लिया है. प्रेसवार्ता में संरक्षक हरि बल्लभ सिंह आरसी, अध्यक्ष रामेश कुमार, एके श्रीवास्तव, शिवपूजन सिंह, मिथिलेश प्रसाद श्रीवास्तव, कन्हैया दुबे, सतीश सिंह, अनिता सिंह, दिनेश सिंह, डीडी त्रिपाठी, रविन्द्र सिंह, रघुनाथ प्रसाद, उमाशंकर तिवारी, सुधीर सिंह, ब्रिजेश कुमार राय, गायत्री परिवार की डालिया भट्टाचार्य आदि में शामिल थे.
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