Adityapur (Sanjeev Mehta) : भारतीय जान प्रणाली केंद्र (आईकेएस), एनआईटी जमशेदपुर ने 21 नवंबर 2024 को गाय आधारित कृषि के साथ प्राचीन भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर एक दिवसीय आमंत्रित वार्ता का आयोजन किया. जिसकी शुरुआत आमंत्रित अतिथि केई एन राघवन के स्वागत के साथ हुई. संस्थान के उप निदेशक प्रोफेसर राम विनॉय शर्मा ने मुख्य अतिथि का परिचय दिया और सतत विकास की दिशा में आधुनिक कृषि के महत्व की जानकारी दी. प्रोफेसर शैलेन्द्र ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह एवं शॉल देकर सम्मानित किया.
जैविक खेती कम लागत में मानव स्वास्थ्य पर बेहतर प्रभाव डालती है : राघवन
अपने संबोधन में श्री राघवन ने भारतीय शिक्षा व्यवस्था को नष्ट करने के ऐतिहासिक आधार और ग्रामीण विकास के आत्मनिर्भर मॉडल को समझाया. उन्होंने गाय आधारित खेती की आवश्यकता और महत्व तथा ग्रामीण विकास और आत्मनिर्मर समुदाय में इसके योगदान पर जोर दिया. श्री राघवन ने जैविक खाद और अन्य जैविक तकनीकों के माध्यम से जैविक खेती को समझाया और प्रदर्शित किया जो कम लागत में मानव स्वास्थ्य पर बेहतर प्रभाव डालती है. उन्होंने कृषि की पारंपरिक प्रणाली को विस्तार से समझाया जो स्वरोजगार और ग्राम विकास में योगदान करती है.
छात्रों व शिक्षकों समेत 120 प्रतिभागियों ने भाग लिया
कार्यालय का समापन डॉ. मनीष कुमार झा, संयोजक आईकेएस के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ. कार्यक्रम में छात्रों और शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों सहित लगभग 120 प्रतिभागियों ने भाग लिया. छात्रों को गाय आधारित कृषि की जानकारी और ग्रामीण विकास और गांव की आत्मनिर्रता में इसके महत्व और लाभ को समझाया गया.
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