Adityapur (Sanjeev Mehta) : आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र की सभी सात फेजों की करीब 35 किलोमीटर सड़कें और नालियों के निर्माण के लिए 83 करोड़ रुपये आवंटित हुई है. बता दें कि 16 वर्ष पूर्व बनी औद्योगिक क्षेत्र की सड़कें और नालियां पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है. चूंकि 16 वर्ष पूर्व बने सड़कों और नालियों के मरम्मत पर इन 16 वर्षों में एक रुपया भी खर्च नहीं किया गया है. पिछले दिनों आदित्यपुर के दौरे पर आए उद्योग सचिव ने उद्यमियों की शिकायत पर खुद सड़कों का हाल देखा था इसके बाद ही उन्होंने सड़कें और नालियां शीघ्र बनाने का आश्वासन दिया था. इस पर पहल शुरू हो गई है. पिछले बुधवार को औद्योगिक क्षेत्र की जर्जर सड़क और नाली पुनर्निर्माण के लिए जियाडा के सहायक अभियंता प्रवीण चौधरी ने पथ निर्माण विभाग द्वारा बहाल कंसल्टेंट के साथ सर्वे कर डीपीआर बनाने की प्रक्रिया शुरू की थी. इस मौके पर उद्यमी संगठन के लोग भी मौजूद रहे थे.
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83 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति मिली है – प्रेम रंजन
बता दें कि जियाडा बोर्ड की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि औद्योगिक क्षेत्र की सड़कें और नालियां आरसीडी (रोड कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट) ही बनाएगी. इसके तहत ही विभाग ने डीपीआर तैयार करने के लिए क्रिएटिव इंजीनियरिंग सर्विसेज को बहाल किया है. जानकारी देते हुए जियाडा के क्षेत्रीय निदेशक प्रेम रंजन ने बताया कि डीपीआर तैयार हो रहा है, इसके बाद शीघ्र तकनीकी और प्रशासनिक स्वीकृति के उपरांत हर हाल में सितंबर 2023 से सड़क और नाली निर्माण शुरु हो जाएगा. क्षेत्रीय निदेशक प्रेम रंजन से बताया कि औद्योगिक क्षेत्र की सभी 7 फेजों में करीब 35 किलोमीटर सड़कों का निर्माण होना है, जिसके लिए 83 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति मिल चुकी है. क्षेत्रीय निदेशक ने बताया कि सड़कों को नए सिरे से नहीं बल्कि अब पुरानी सड़कों को बिटुमिनस से दुरुस्त किया जाएगा.
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स्ट्रीट लाइट के लिए उद्यमियों को करना होगा थोड़ा इंतजार
जियाडा निदेशक ने बताया कि उनकी दूसरी प्राथमिकता औद्योगिक क्षेत्र की स्ट्रीट लाइट है, लेकिन इसमें एक बाधा है जो शीघ्र दूर कर इसे भी दुरुस्त करने का कार्य शुरू किया जाएगा. उन्होंने बताया कि स्ट्रीट लाइट के लिए उद्यमियों को थोड़ा सा इंतजार करना होगा चूंकि स्ट्रीट लाइट बनाने वाली एजेंसी एसके पावर सर्विसेज को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है जो यहां बेहतर सर्विस नहीं दे पा रहा था. ब्लैकलिस्टेड होने के बाद एजेंसी हाई कोर्ट में अपील पर है जैसे ही वहां से फैसला आता है नई एजेंसी बहाल कर स्ट्रीट लाइटों को दुरुस्त करने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा.
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