Adityapur (Sanjeev Mehta) : आदित्यपुर स्थित झारखंड इंडस्ट्रियल एरिया डेवलपमेंट ऑथोरिटी (जियाडा) गेट पर सिंहभूम इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने शुक्रवार को हल्ला बोल धरना-प्रदर्शन किया है. सिया के उद्यमियों ने जियाडा कार्यालय पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. वक्ताओं ने खुले मंच से कहा कि जियाडा में प्लॉट रद्द और आवंटन के नाम पर लाखों करोड़ों का खेल चल रहा है. इस काम में कई अपने ही उद्यमी बंधू भी शामिल हैं. सिंहभूम इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष संतोष सिंह ने हाल के दिनों में रद्द किए गए उद्योगों के आवंटन रद्द और आवंटन की चर्चा में जिंको इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की चर्चा करते हुए कहा कि पूरे मामले में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है. पीटीपीसी की मान्यता रद्द होनी चाहिए और जिंको इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की प्रोपराइटर सिद्धि सिंह को उनका अधिकार मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि जिंको इंडिया के मूल प्रोपराइटर सियाराम अग्रवाल जीवित हैं. जिन्हें जियाडा ने अपने फ़ाइल में मृत घोषित कर दिया है.
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बिजली विभाग के कर्मचारियों की भूमिका पर उठाया गया सवाल
उन्होंने बताया कि जब सियाराम अग्रवाल जीवित थे, तो किस आधार पर जियाडा ने उन्हें मृत मान लिया. क्यों नहीं इसकी जांच कराई गई. वहीं उन्होंने बिजली विभाग के कर्मचारियों की भूमिका पर भी सवाल उठाया. कुल मिलाकर उन्होंने जियाडा प्रबंधन को चेतावनी दिया है, कि अगर इस मामले में इंसाफ नहीं हुआ तो जियाडा कार्यालय पर प्रदर्शन के बाद रांची में भी हल्ला बोल प्रदर्शन किया जाएगा. और जब तक इस मामले का पटाक्षेप नहीं होता है तब तक सिया का प्रदर्शन जारी रहेगा. सिया के महासचिव उदय सिंह ने जियाडा से मांग किया है कि आदित्यपुर इंडस्ट्रियल एरिया में उद्यमियों के साथ हो रहे अत्याचार पर नकेल कसी जाए, अन्यथा इसकी शिकायत सरकार के स्तर पर भी की जाएगी.
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धरना प्रदर्शन में छोटे बड़े करीब 20 उद्यमी थे शामिल
सचिव उज्ज्वल चटर्जी ने कहा कि जिस कंपनी के ऊपर करोड़ों रुपए का बैंक ऋण है, उसे कैसे जियाडा कंपनी का प्लॉट आवंटन कर रद्द कर दी गई है. कोषाध्यक्ष आशीष घोष ने बताया कि कंपनी को महिला उद्यमी सिद्धि सिंह ने आशा अग्रवाल नामक महिला उद्यमी से खरीदी है. इस कंपनी को डेवलप करने के लिए चार करोड़ का ऋण बैंक ऑफ इंडिया से अपने घर को मॉर्गेज पर रखकर सिद्धि सिंह ने ली थी. अब कैसे जियाडा ने आवंटन रद्द कर दी है. वे लोग क्षेत्रीय निदेशक को अपनी बात रख चुके हैं. अब आगे उद्योग सचिव के पास अपील करेंगे. धरना प्रदर्शन में छोटे बड़े करीब 20 उद्यमी शामिल थे. धरना-प्रदर्शन के आखिर में जियाडा के एमडी, उद्योग सचिव और मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन भी जियाडा कार्यालय को सौंपा गया.