Adityapur : वैसे तो 14 जनवरी को मकर संक्रांति और टुसू पर्व का आगाज होता है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में 10 दिन पूर्व से ही टुसू पर्व की तैयारी शुरू हो जाती है. झारखंड का लोकप्रिय पारंपरिक सट्टा मुर्गा पाड़ा की शुरुआत हो जाती है. इस साल कोरोना की तीसरी लहर अभी से शुरू हो गई है ऐसे में स्थानीय व जिला प्रशासन की निगाह ऐसे भीड़-भाड़ वाले आयोजनों पर विशेष रूप से रहेगी. मंगलवार की शाम आरआईटी व गम्हरिया पुलिस को सूचना मिली कि उनके थाना क्षेत्र उदयपुर मोड़ पर स्थित मैदान में लोग खुलेआम मुर्गा पाड़ा का आयोजन कर सट्टा चलवा रहे हैं. वहां 500 से ज्यादा लोगों की भीड़ भी जमा हो गई है.
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चूंकि आरआईटी और गम्हरिया दोनों थाना क्षेत्र का बॉर्डर एरिया है, उदयपुर मोड़. ऐसे में दोनों थाना की पुलिस वहां देर शाम पहुंची, जिसे देखते ही लोग भागने लगे. पुलिस ने भी लोगों को खदेड़कर भगाया. साथ ही ग्रामीणों को चेतावनी दी कि इस वर्ष कोरोना के प्रकोप को देखते हुए इस तरह के भीड़-भाड़ वाले आयोजनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इसलिए ऐसे आयोजनों में शामिल लोगों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी.
बास्को नगर में मुर्गा पाड़ा व हब्बा-डब्बा जुआ खेला जा रहा है
इधर आदित्यपुर पुलिस को सूचना मिली कि बास्को नगर रेलवे फाटक पर भी कुछ लोग मुर्गा पाड़ा और हब्बा-डब्बा खेल का आयोजन कर रहे हैं. इसके विरुद्ध वहां भी पुलिस ने दबिश दी और लोगों को खदेड़कर भगाया है. हब्बा-डब्बा का मेन स्पॉट बास्को नगर रेलवे फाटक है, जहां सैकड़ों की संख्या में लोग प्रतिदिन जुआ खेलने और अपनी कमाई को दोगुना करने के ख्याल से खेलने आते हैं. नतीजा थोड़े से लोभ में अपनी गाढ़ी कमाई लुटा देते हैं. हालांकि पुलिस यदा कदा वहां छापेमारी करती है, लेकिन यह सिलसिला बदस्तूर जारी रहती है.