: परिवार की खुशहाली के लिए महिलाओं ने की मां विपतारिणी की पूजा
13 किस्म के फल-फूल चढ़ाए गए
मां विपदतारिणी की पूजा आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष में प्रतिपदा से नवमी के बीच मंगलवार व शनिवार को होती है. इस पूजा का विधान रथयात्रा के बाद पड़ने वाले मंगलवार या शनिवार को होता है, लेकिन घुरती रथ (भगवान जगन्नाथ के मौसी बाड़ी से लौटने के पहले) के पहले यह पूजा की जाती है. इधर रायडीह स्थित पंडित गौरचंद्र चटर्जी काली मंदिर में भी मंगलवार को महिलाओं ने विपदतारणी पूजा की. देवी दुर्गा के दूसरे रूप की पूजा करने सैकड़ों की संख्या में महिलाएं पहुंचीं थी. मां दुर्गा के चरणों में 13 किस्म के फल-फूल चढ़ाए गए. मंदिर के पुजारी देबू चटर्जी ने बताया कि महिलाएं यह पूजा अपने पति की लंबी आयु व घर में सुख-शांति के लिए करती हैं. पूजा के बाद महिला व पुरुष हाथ में तेरह लड़ी व गांठ का रक्षासूत्र बांधते हैं. इसे भी पढ़ें :नोवामुंडी">https://lagatar.in/noamundi-married-women-worship-maa-vipadtarini-to-wish-for-happiness-and-prosperity/">नोवामुंडी: सुख समृद्धि की कामना के लिए सुहागिन महिलाओं ने की मां विपदतारिणी की पूजा [wpse_comments_template]
Leave a Comment