किस्टो कुजूर केंद्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त
बैठक में किस्टो कुजूर को आदिवासी जन परिषद के केंद्रीय उपाध्यक्ष सह प्रवक्ता के पद पर नियुक्त किया गया और सेलीना लकड़ा को महिला मोर्चा का केंद्रीय उपाध्यक्ष के पद पर नियुक्त किया गया. आदिवासी जन परिषद के अध्यक्ष प्रेम शाही मुंडा ने कहा कि यह दोनों संगठन मिलजुल कर स्थानीय नीति, भाषा, संस्कृति, पांचवीं अनुसूची पेशा कानून आदि मुद्दे को लेकर संघर्ष करेगा. झारखंड दलित संघर्ष समिति के अध्यक्ष शिव टहल नायक ने कहा कि 22 वर्षों में भाजपा, आजसू, झारखंड मुक्ति मोर्चा सभी ने सरकार बनायी, लेकिन 1932 का खतियान, स्थानीय नीति,यहां के नौजवानों का नौकरी नहीं दी जा रही है.यह हैं प्रस्ताव
- संगठन को मजबूत बनाने के लिए पूरे प्रदेश में तक सदस्यता अभियान चलाएंगे और संगठन को सशक्त बनाने के लिए पूरे प्रदेश में दौरा किया जाएगा.
- झारखंड में मगही, भोजपुरी, मैथिली भाषा को झारखंड में लागू किये जाने का विरोध जारी रहेगा और जब तक झारखंड सरकार वापस नहीं लेती है, तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा. क्योंकि भोजपुर और आरा जिला में ही भोजपुरी बोली जाती है और इसका बिहार में भी मान्यता नहीं है.
- झारखंड अलग राज्य होने के बाद विभिन्न विभागों का नियमावली नहीं बनी. आज अलग राज्य होने के बाद सिर्फ और सिर्फ बिहार से हटा करके झारखंड कर दिया गया. सभी विभागों में झारखंडी हित में विभागीय नियमावली बननी चाहिए.
- एकीकृत बिहार में झारखंड प्रदेश में यह नियम लागू था कि हो या मुंडा क्षेत्र में कोई भी हो भाषा में या मुंडा भाषा में परीक्षा पास करता तो उसको इंक्रिमेंट दी जाति थी. कहने का मतलब क्षेत्रीय भाषा अनिवार्य था.
- झारखंड में अभी अभिलंब स्थानीय नियोजन नीति बनायी जाये और स्थानीय नीति के साथ-साथ ठीका पट्टा, कारोबार,खेल, कला, संस्कृति सभी विभागों में झारखंड के हित को देखते हुए स्थानीय नियोजन नीति बनायी जाये और जब तक स्थानीय नियोजन नीति नहीं बनती है तब तक नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगायी जाये.
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