Ranchi : नये झारखंड हाईकोर्ट भवन में चैंबर अलॉटमेंट से पहले ही हाईकोर्ट अधिवक्ता संघ आंदोलन के मूड में दिख रहे हैं. हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन ने 12 सितंबर को जीबी की बैठक बुलायी है. जिसके बाद अब चैंबर और वकीलों के अन्य मुद्दों पर आगे की रणनीति तय की जायेगी. लेकिन हाईकोर्ट अधिवक्ता संघ के विरोध भरे स्वरों के बीच कुछ अधिवक्ता इस पुरे मामले को राजनीती से जोड़ कर देख रहे हैं. पढ़ें – कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में निष्पक्षता को लेकर शशि थरूर समेत पांच सांसदों ने चिंता जताई, सीईए प्रमुख को पत्र लिखा
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सिर्फ 80-85 चैंबर लॉ ऑफिसर के लिए अलॉट किये जाने की सूचना
कुछ वकील सवाल उठा रहे हैं कि अभी जो वकील लॉ ऑफिसर हैं क्या उन्हें अन्य वकीलों से अलग दिखाने की कोशिश की जा रही है. नये भवन में वकीलों के लिए कुल 500 चैंबर बने हैं. जिसमें से सिर्फ 80-85 चैंबर लॉ ऑफिसर के लिए अलॉट किये जाने की सूचना है. 115 चैंबर उन वकीलों को दिया जायेगा जिन्हें वर्तमान में चैंबर मिला हुआ है. अब बचे लगभग 300 चैंबर. जिसकी चाहत हजारों वकीलों को है.
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नये भवन में चैंबर के बंटवारे पर सवाल उठाये
वहीं झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता और बार काउंसिल के सदस्य हेमंत शिकरवार ने एक पुराणी घटना का जिक्र करते हुए कहा कि कमोबेश यही स्थिति काफी वर्ष पहले भी बनी थी. जब वर्तमान हाईकोर्ट में वकीलों के चैंबर अलॉटमेंट की प्रक्रिया शुरू की जा रही थी. कुल 105 चैम्बर के लिए 1000 से ज्यादा वकीलों ने आवेदन दिया था लेकिन जैसे ही यह तय हुआ कि चैंबर उन्ही वकीलों को दिया जायेगा जो राशि का भुगतान करेंगे तब चैंबर लेने वाले वकीलों की संख्या मात्र 105 हो गई. इन तमाम विवादों के बीच काउंसिल सदस्य हेमंत शिकरवार ने नये भवन में चैंबर के बंटवारे पर सवाल उठाये हैं. बहरहाल इन तमाम बातों के बीच 12 सितंबर को हाईकोर्ट एड्वोएकेट एसोसिएशन की GB में क्या निर्णय होता है यह देखना काफी महत्वपूर्ण होगा.
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