Ranchi/Dhanbad: धनबाद के वकील भी 30 मई तक न्यायिक कार्य से खुद को दूर रखेंगे. धनबाद बार एसोसिएशन की बैठक में यह निर्णय लिया गया है. इसकी सूचना जिले के अधिवक्ताओं को दे दी गयी है. एसोसिएशन ने अपने इस निर्णय से स्टेट बार काउंसिल और धनबाद के जिला प्रधान न्याययुक्त को भी अवगत करा दिया है. 30 मई तक किसी भी मामले में विपरीत आदेश नहीं पारित करने का आग्रह किया है. इससे पहले धनबाद के कई वकील चाहते थे कि धनबाद सिविल कोर्ट में 25 मई से वर्चुअल माध्यम से मुकदमों की सुनवाई एक बार फिर शुरू की जाये.
इसके लिए धनबाद बार के करीब 50 से ज्यादा वकीलों ने धनबाद जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और जिला न्यायालय के रजिस्ट्रार को पत्र भी लिखा था. पत्र के माध्यम से जिले के अधिवक्ताओं ने मांग की है थी कि इस सप्ताह से सिविल कोर्ट के वकीलों को प्रैक्टिस करने की इजाजत दी जाये. क्योंकि धनबाद में कोरोना का संक्रमण थोड़ा कम हुआ है. पिछले कई दिनों से कोर्ट में अधिवक्ताओं के काम नहीं करने के कारण लंबित मुकदमों की संख्या भी बढ़ गई है. कई लोगों को न्यायिक सहायता नहीं मिल पा रही है. इस पत्र में लगभग 50 से ज्यादा वकीलों के हस्ताक्षर हैं. धनबाद बार के अध्यक्ष अमरेंद्र सहाय ने जानकारी दी कि कोरोना के संक्रमण से वकीलों को बचाने के लिए यह निर्णय लिया गया है और फिलहाल यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश जारी किया गया है.
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बता दें कि 9 मई को अगले 1 सप्ताह तक किसी भी न्यायालय में अधिवक्ताओं को उपस्थित नहीं होने का निर्देश झारखंड स्टेट बार काउंसिल ने दिया था. झारखंड स्टेट बार काउंसिल ने राज्य भर के वकीलों के लिए यह निर्देश जारी किया था. झारखंड स्टेट बार काउंसिल के चेयरमैन राजेंद्र कृष्णा ने कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए न्यायिक कार्य शुरू करने या न्यायिक कार्य से वकीलों को दूर रखने से संबंधित सुझाव काउंसिल के सभी सदस्यों से मांगा था.
सभी सदस्यों के सुझाव के बाद यह निर्णय लिया गया है. इस निर्णय से झारखंड के सभी जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और महासचिव को सूचित कर दिया गया था. इसके साथ ही जिला बार की मौजूदा स्थिति को देखते हुए इस निर्देश को विस्तार देने या फिर काम शुरू करने का निर्णय बार एसोसिशन को तय करने का भी निर्देश काउंसिल ने दिया था.