Ranchi : कुछ दिनों तक बंद रहने के बाद बोकारो और रामगढ़ जिले में संरक्षित तरीके से अवैध कोयला का कारोबार शुरू हो गया है. रामगढ़-बोकारो जिला के सीमा पर स्थित रहावन ओपी क्षेत्र के बघरैया, अलकुसिया और हुरदाग जंगल में कोयला का अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है. वहीं दूसरी ओर कोयला माफिया रामगढ़ सीमा से सटे बोकारो जिला के रहावन ओपी क्षेत्र में कोयला का अवैध कारोबार बेधड़क कर रहे हैं.
इसे भी पढ़ें –झारखंड विस नियुक्ति घोटाला : HC ने दोनों कमिटी की रिपोर्ट प्रस्तुत करने का दिया निर्देश
रूंगटा के प्लांट और मंडी भेजा जा रहा कोयला
कोयला माफियाओं के मनोबल का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यहां 35-40 अवैध खदानों से कोयला का उत्पादन किया जा रहा है. जिसे रात के अंधेरे में ट्रैक्टर से चतरोचट्टी थाना क्षेत्र के जर्कुंडा और टाटी झरिया पहुंचाया जाता है. वहां से कुछ कोयला को बड़े ट्रेलर में लोड करके कुजू ओपी स्थित रूंगटा प्लांट और कुछ ट्रकों में कोयला लोड कर फर्जी कागजात के माध्यम से डेहरी और बनारस की मंडियों में भेज दिया जाता है. रूंगटा के प्लांट में हर दिन सात से आठ ट्रेलर कोयला भेजा जाता है.
एक ट्रेलर में करीब 50 से 60 टन कोयला लदा होता है. पुलिस-प्रशासन के मूकदर्शक बने होने के कारण कोयले का अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है. बीते 17 जनवरी को रामगढ़ के कुजू ओपी क्षेत्र में अवैध रूप से कोयला लदे दो 18 चक्का ट्रेलर (एनएल 01K1534 और जेएच 02AL8770) पकड़ा गया था. जिसे जब्त कर कुज्जु ओपी परिसर में रखा गया है.
एक ट्रैक्टर कोयला काटने के लिए मिलते हैं दो हजार रुपये
मजदूरों को एक ट्रैक्टर कोयला काटने के लिए दो हजार रुपए मजदूरी मिलता है. वहीं खदान से कोयला को बाहर ढोने वाली महिलाओं को एक ट्रैक्टर कोयला के लिए एक हजार रुपए मिलता है. दूसरी ओर अवैध कोयला कटिंग कराने वाले कोयला माफिया एक ट्रैक्टर कोयला को 10 से 12 हजार रुपए में बेचते हैं.
अवैध कोयला का कारोबार रोकने की जिम्मेदारी इनकी
प्रशासन : संबंधित जिला के डीसी, संबंधित अनुमंडल के एसडीओ, संबंधित जिला के माइनिंग अफसर और संबंधित इलाके के डीएफओ
इसे भी पढ़ें – CA फाइनल और इंटर परीक्षा की तारीखों में बदलाव, ICAI ने जारी किया नया शिड्यूल