Ranchi : विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सदन में कहा कि 29 दिसंबर के बाद से राज्य के सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूल में स्पेशल ड्राइव चलाकर आदिवासी और गैर आदिवासी बच्चों का जाति प्रमाण पत्र बनाया जाएगा. सीएम ने कहा कि सिर्फ आठवीं और नौवीं के ही नहीं, बल्कि सभी कक्षा के बच्चों का जाति प्रमाण पत्र बनेगा. बीजेपी विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा की ओर से सदन में उठाए गए सवाल का जवाब देते हुए सीएम ने यह बात कही.
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आदिवासी मूलवासियों की दशा खराब है – नीलकंठ मुंडा
नीलकंठ सिंह मुंडा ने विधानसभा में कहा था कि झारखंड में आदिवासी मूलवासियों की दशा खराब है. आठवीं और नौवीं कक्षा के आदिवासी बच्चों का खतियान देखकर जाति प्रमाण पत्र बनाया जाता है. जबकि बांग्लादेश से आकर लोग affidavit देकर अपना जाति प्रमाण पत्र बना रहे हैं. झारखंड के लोगों के साथ ऐसा होगा तो बीजेपी बर्दाश्त नहीं करेगी.
बांग्लादेशी व रोहिंग्या को मिलेगा फायदा – राज सिन्हा
इसी मुद्दे पर विधायक राज सिन्हा ने भी कार्य स्थगन प्रस्ताव लाते हुए कहा कि अनुसूची जाति-जनजाति पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं अल्पसंख्यक विभाग के स्कल्प संख्या 656 से बांग्लादेशी और रोहिंग्या को भी फायदा मिल सकता है.इससे एसटी-एससी व ओबीसी कोटे के बच्चों का मनोबल गिरेगा.
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बीजेपी राजनीति कर धार्मिक सौहार्द को बिगाड़ने का काम कर रही
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि हम लोग यहां बांग्लादेशियों का काम करने के लिए नहीं बैठे हैं. हमारा उद्देश्य झारखंड के दलित आदिवासी कमजोर वर्ग के बच्चों का विकास करना है. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी केवल हिंदू मुस्लिम की राजनीति कर धार्मिक सौहार्द को बिगाड़ने का काम कर रही है. सीएम ने बीजेपी नेताओं से पूछा कि आखिर झारखंड के लोगों का महाराष्ट्र में क्यों सर फोड़ा जाता है. इसमें केवल कमजोर वर्ग ही नहीं बल्कि सामान्य वर्ग के बच्चे भी शामिल हैं.
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