Ranchi : झारखंड पुलिस विभाग में 27 मई को बड़े पैमाने पर हुए प्रशासनिक फेरबदल के बाद कई आईपीएस अधिकारियों को नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. इनमें बैठने की जगह का अभाव और नई पोस्टिंग का इंतजार प्रमुख हैं
कुछ अधिकारियों का तबादला तो कर दिया गया है, लेकिन नई तैनाती वाली जगहों पर उनके लिए बैठने की उचित व्यवस्था नहीं है. वहीं दूसरी ओर, कुछ आईपीएस अधिकारियों को पूर्व पदों से हटा दिया गया, लेकिन उन्हें अब तक नई जिम्मेदारी नहीं सौंपी गई है, जिससे वे अनिश्चितता की स्थिति में हैं.
एडीजी रैंक के अधिकारी को नहीं मिली बैठने की जगह
एडीजी रैंक के अधिकारी संजय लाठकर, जिनका तबादला एडीजी अभियान से एडीजी रेल के पद पर किया गया है, रेल विभाग में बैठने की जगह की समस्या का सामना कर रहे हैं. रेल विभाग में डीजी, आईजी और डीआईजी स्तर के अधिकारियों के लिए कार्यालय उपलब्ध हैं, लेकिन एडीजी रैंक के अधिकारी के लिए कोई निर्धारित कार्यालय नहीं है.
डीआईजी वाई एस रमेश भी बिना कार्यालय के
इसी तरह, पलामू रेंज के डीआईजी रहे वाई एस रमेश, जिन्हें एससीआरबी डीआईजी बनाया गया है, उन्हें भी कार्यालय की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. एससीआरबी विभाग में एसपी और आईजी के लिए ऑफिस मौजूद हैं, लेकिन डीआईजी स्तर के अधिकारी के लिए कोई कार्यालय नहीं है.
पांच आईपीएस अधिकारियों को नई पोस्टिंग का इंतजार
राज्य सरकार ने 27 मई को 45 आईपीएस अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग की थी, जिसमें 14 जिलों के एसएसपी और एसपी शामिल थे. इसके अतिरिक्त, तीन आईपीएस अधिकारियों को उनके वर्तमान कार्यों के अलावा अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया.
हालांकि, पांच ऐसे अधिकारी हैं, जिनके स्थान पर किसी अन्य आईपीएस की पोस्टिंग तो हुई, लेकिन उन्हें अभी तक कोई नई जगह पर पदस्थापित नहीं किया गया है.
डीआईजी स्तर पर 3 रेंज रिक्त, पुलिसिंग पर असर
झारखंड में डीआईजी स्तर के छह रेंजों में से तीन रेंज हजारीबाग, बोकारो और रांची में डीआईजी के पद फिलहाल रिक्त हैं. ये सभी रेंज कानून व्यवस्था की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण माने जाते हैं. ऐसे में अगर इन रिक्तियों को जल्द नहीं भरा गया, तो इसका असर क्षेत्रीय पुलिसिंग और प्रशासनिक नियंत्रण पर स्पष्ट रूप से पड़ सकता है.