की रिपोर्ट : केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद गुजरात की एजेंसियों को मिली 350 फीसदी ज्यादा राशि
आयोग की स्वतंत्रता के बारे में लोगों की राय प्रभावित हो सकती है
कहा है कि यह आयोग की स्वतंत्रता के बारे में लोगों की राय प्रभावित कर सकता है. बता दें कि इसके पहले सुप्रीम कोर्ट की आधिकारिक मेल आईडी में भी बिना अनुमति के इसका प्रयोग किया जा रहा था. इस क्रम में एनएचआरसी के उच्चाधिकारी ने कहा कि मानवाधिकार आयोग इस मामले में अनजान था, क्योंकि केवल मेल प्राप्त करने वाले ही मोदी की तस्वीर और नारा देख सकते हैं. अधिकारी का कहना था कि हम इस बात से अनभिज्ञ थे कि हमारे मंच का इस्तेमाल नेशनल इनफॉर्मेटिक्स सेंटर(इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत संचालित) द्वारा इस तरह के उद्देश्यों के लिए किया जा रहा था. उन्होंने कहा कि, हमारी वेबसाइट और डिजिटल नेटवर्क एनआईसी द्वारा नियंत्रित होती है. इसे भी पढ़ें : सुबह">https://lagatar.in/morning-news-diary-30-september-firing-in-ranchi-bodaiya-naked-beaten-up-guards-minigun-factory-busted-navratri-this-year-only-8-days-including-other-news-videos/">सुबहकी न्यूज डायरी|30 सितंबर|बोड़ैया में फायरिंग|नंगाकर गार्डों ने पीटा|मिनीगन फैक्ट्री मिली|इस वर्ष नवरात्र सिर्फ 8 दिन|समेत अन्य खबरें और वीडियो|
वकीलों द्वारा आपत्ति जताने पर सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री के संज्ञान में बात आयी
इससे पहले गुरुवार, 22 सितंबर की देर शाम कुछ वकीलों द्वारा आपत्ति जताने पर सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री के संज्ञान में यह बात आयी थी कि सुप्रीम कोर्ट के आधिकारिक ई-मेल में पीएम मोदी की फोटो और उनका चुनावी नारा शामिल किया जा रहा है, जिसका न्यायपालिका के कामकाज से कोई नाता नहीं है. इसके बाद शुक्रवार, 23 सितंबर को इसे हटाने के निर्देश जारी किए गए। आपत्ति जताये जाने पर ई-मेल से जुड़ी सुविधा उपलब्ध कराने वाले नेशनल इनफॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) ने कहा था कि NIC के सभी प्लेटफॉर्म पर इस स्क्रिप्ट का इस्तेमाल किया जा रहा है, हालांकि शिकायत के बाद सुप्रीम कोर्ट के प्लेटफॉर्म से इसे हटाने के लिए कदम उठाये गये. NIC ने कहा कि यह पहली बार नहीं है, इससे पहले भी हमने गांधी जयंती से जुड़ा एक संदेश इस तरह से इस्तेमाल किया था. जान लें कि सुप्रीम कोर्ट अपने आधिकारिक ईमेल सुविधा का इस्तेमाल वकीलों को सूचना देने और नोटिस देने जैसे कामों के लिए करती है. एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन से जुड़े वकीलों ने पीएम मोदी की फोटो और नारे पर आपत्ति दर्ज करायी थी. इसे भी पढ़ें : कन्हैया">https://lagatar.in/what-will-congress-get-kanhaiya/">कन्हैयासे कांग्रेस को क्या मिलेगा? [wpse_comments_template]
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