NewDelhi : सिंगापुर में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) अनिल चौहान द्वारा ब्लूमबर्ग टीवी चैनल को दिये गये साक्षात्कार के बाद कांग्रेस मोदी सरकार पर हमलावर हो गयी है.
In the wake of the remarks made by the Chief of Defence Staff (CDS) in Singapore in an interview, there are some very important questions which need to be asked.
— Mallikarjun Kharge (@kharge) May 31, 2025
These can only be asked if a Special Session of the Parliament is immediately convened.
The Modi Govt has misled the…
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि सीडीएस के इंटरव्यू को बाद बहुत सारे महत्वपूर्ण प्रश्न खड़े हो गये हैं, जिन्हें पूछे जाने की आवश्यकता है. कहा कि ये प्रश्न तभी पूछे जा सकते हैं, जब संसद का विशेष सत्र तुरंत बुलाया जाये.
मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने देश को गुमराह किया है. युद्ध का कोहरा अब छंट रहा है. हमारे वायुसेना के पायलट दुश्मन से लड़ते हुए अपनी जान जोखिम में डाल रहे थे. हमें कुछ नुकसान हुआ है, लेकिन हमारे पायलट सुरक्षित हैं.
सीडीएस के साक्षात्कार के अनुसार, हमने इसे बनाया, इसे सुधारा, इसे ठीक किया और फिर दो दिनों के बाद इसे फिर से लागू किया और अपने सभी जेट विमानों को फिर से उड़ाया, लंबी दूरी तक निशाना साधा. हम उनके दृढ़ साहस और बहादुरी को सलाम करते हैं.
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हालांकि, एक व्यापक रणनीतिक समीक्षा समय की मांग है. कांग्रेस पार्टी कारगिल समीक्षा समिति की तर्ज पर एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति द्वारा हमारी रक्षा तैयारियों की व्यापक समीक्षा की मांग करती है.
खड़गे ने कहा, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने युद्ध विराम कराने के अपने दावे को फिर से दोहराया है. यह शिमला समझौते का सीधा अपमान है.
श्री ट्रंप द्वारा बार-बार किये जा रहे दावों और अमेरिकी वाणिज्य सचिव द्वारा संयुक्त राज्य अमेरिका के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार न्यायालय में दायर हलफनामे को स्पष्ट करने के बजाय, प्रधानमंत्री मोदी चुनावी मोड में हैं, हमारे सशस्त्र बलों की वीरता का व्यक्तिगत श्रेय ले रहे हैं,
उनकी बहादुरी के पीछे छिप रहे हैं और सहमत युद्ध विराम की रूपरेखा को चकमा दे रहे हैं, जिसकी घोषणा विदेश सचिव ने 10 तारीख को डोनाल्ड ट्रंप के ट्वीट के बाद की थी.
मल्लिकार्जुन खड़गे ने लिखा, क्या भारत और पाकिस्तान अब फिर से एक हो गये हैं? युद्ध विराम समझौते की शर्तें क्या हैं? 140 करोड़ देशभक्त भारतीयों को यह जानने का हक है.