- Vinit Abha Upadhyay
Ranchi : रांची पुलिस पांच साल से हत्या के एक आरोपी को नहीं पकड़ पायी है. वर्ष 2019 में रांची के अरगोड़ा थाना क्षेत्र में हुए हेमंत अग्रवाल और महेंद्र अग्रवाल के मर्डर केस का प्रमुख अभियुक्त एमके सिंह (महेंद्र कलपतरु) पुलिस की गिरफ्त से अब तक बाहर है. हालांकि इस केस से जुड़े अन्य आरोपियों सुनील चौधरी और सुनील सिंह को घटना के कुछ दिनों बाद गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन एक और प्रमुख आरोपी लोकेश चौधरी को भी पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई थी. उसने वर्ष 2021 में सरेंडर कर दिया था. हैरानी की बात है कि घटना के लगभग पांच साल बाद भी पुलिस एमके सिंह को गिरफ्तार नहीं कर पाई है. कार्रवाई के नाम पर एमके सिंह के भाड़े के घर पर कुर्की- जब्ती की कार्रवाई की गई है. इसके अलावा उसका ठिकाना खोजने या पैतृक आवास पर दबिश देने में पुलिस ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई. एमके सिंह मामले में की जा रही कार्रवाई रांची पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रही है.
सजा के बिंदु पर कोर्ट 30 जून को सुनवाई करेगा
बता दें कि हेमंत अग्रवाल और महेंद्र अग्रवाल की हत्या गोली मार कर की गयी थी. पुलिस के मुताबिक, दोनों व्यवसायी बैग में मोटी रकम लेकर लोकेश को पहुंचाने गये थे. लेकिन लोकेश और एमके सिंह ने पहले से रुपये हड़पने की योजना तैयार कर रखी थी. योजना के तहत ही एमके सिंह ने लोकेश चौधरी के बॉडीगार्ड धर्मेंद्र तिवारी के साथ खुद को आइबी का अधिकारी बताते हुए लोकेश चौधरी के ऑफिस में रेड की और दोनों व्यवसायियों के रुपये को जब्त कर लिया. इस संबंध में 7 मार्च 2019 को प्राथमिकी दर्ज करवाई गई थी. रांची सिविल कोर्ट ने 26 जून को लोकेश समेत उसके सहयोगी धर्मेंद्र तिवारी और सुनील सिंह को दोषी करार दिया है. सभी दोषियों की सजा के बिंदु पर कोर्ट 30 जून को सुनवाई करेगा.
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