Search

आंदोलनकारी किसान सरकार के साथ चर्चा को तैयार, 29 दिसंबर की तारीख तय की, जानें, बातचीत का एजेंडा क्या

NewDelhi :  खबर है कि तीन नये कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत किसान संगठनों के नेता सरकार से बातचीत को तैयार हो गये हैं. 29 दिसंबर को सुबह 11 बजे सरकार से बातचीत होगी. बातचीत की पेशकश शनिवार को स्वीकार कर ली गयी. इस फैसले को आंदोलनकारी किसानों के सुर में थोड़ी नरमी लाने वाला करार दिया जा रहा है. बता दें कि आंदोनकारी 40 किसान यूनियनों के मुख्य संगठन संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में यह फैसला लिया गया. बैठक के बाद किसान नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी घोषणा की. किसान नेताओं ने सरकार के साथ बातचीत के लिए 29 दिसंबर को सुबह 11 बजे का वक्त तय किया है. बातचीत के लिए किसानों ने दिल्ली के विज्ञान भवन को चुना है. जान लें कि इससे पहले सरकार ने किसानों से बातचीत की अपील करते हुए उन्हें अपनी पसंद के समय और जगह तय करने को कहा था. इसे भी पढ़े : बोले">https://lagatar.in/farmers-says-we-camp-on-the-highway-till-the-return-of-the-agricultural-law-of-government-cold-response-to-the-call-of-the-central-government/12689/">बोले

किसान,  कृषि कानून वापस होने तक हाइवे पर ही हमारा डेरा, केंद्र सरकार के बुलावे पर ठंडा रिस्पांस!  

  बातचीत का एजेंडा क्या

कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले एक महीने से दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर हजारों किसान आंदोलनरत हैं. शनिवार को किसान नेताओं की प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्वराज इंडिया के नेता योगेंद्र योदव ने कहा कि  हम केंद्र सरकार के साथ 29 दिसंबर को सुबह 11 बजे एक और दौर की बातचीत का प्रस्ताव रखते हैं. यादव ने कहा, बातचीत के हमारे एजेंडे में पहले दो बिंदु, तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का तरीका और दूसरा पॉइंट यह कि न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी गारंटी देने के लिए कानून लाना. बता दें कि  इससे पहले सरकार और किसानों के बीच हुई बातचीत असफल हो गयी थी. इसे भी पढ़े : अमित">https://lagatar.in/amit-shahs-operation-assam-said-in-guwahati-today-the-youth-have-no-gun-in-their-hands-they-have-returned-to-the-mainstream/12760/">अमित

शाह का ऑपरेशन असम : गुवाहाटी में कहा, आज युवाओं के हाथों में बंदूक नहीं, वे मुख्य धारा में लौट आये हैं  

विद्युत संशोधन विधेयक 2020 में भी बदलाव की मांग

किसानों ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि बैठक के एजेंडे में तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए अपनायी जाने वाली क्रियाविधि, सभी किसानों और कृषि वस्तुओं के लिए स्वामीनाथन कमीशन द्वारा सुझाये लाभदायक एमएसपी पर खरीद की कानूनी गांरटी देने की प्रक्रिया और प्रावधान हों. इसके अलावा प्रस्ताव में  किसानों के हितों की रक्षा के लिए विद्युत संशोधन विधेयक 2020 के मसौदे में जरूरी बदलाव की बात कही गयी है. इसे भी पढ़े : किसान">https://lagatar.in/is-the-kisan-movement-only-an-event/12696/">किसान

आंदोलन केवल इवेंट भर है?

30 दिसंबर को ट्रैक्टर मार्च निकालने का निर्णय

क्रांतिकारी किसान यूनियन के नेता दर्शन पाल ने कहा कि 30 दिसंबर को सिंघु बॉर्डर से किसान ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे.  कहा कि पंजाब और हरियाणा में टोल प्लाजा स्थायी तौर पर खुले रहेंगे. कृषि कानूनों के खिलाफ 30 दिसंबर को कुंडली-मानेसर-पलवल हाइवेज पर भी किसान ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे.
Follow us on WhatsApp