Ranchi : झारखंड के कई जिलों से शिकायतें लगातार आ रही थीं कि किसानों के खेत में तरबूज बर्बाद हो रहे हैं. इसे लेकर कृषि पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल ने विभागीय सचिव अबू बकर सिद्दिकी को राज्य के संबंधित डीएचओ और बाजार समिति के सचिव के साथ समन्वय स्थापित कर किसानों को राहत देने के लिए कहा. विभागीय सचिव ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार और उद्यान विभाग के निदेशक, वेजफेड के एमडी सहित संबंधित डीएचओ और बाजार समिति के सचिव के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जानकारी हासिल की. इसमें विभागीय सचिव ने सभी को निर्देश दिया कि वे अविलंब किसानों के खेतों में पड़े तरबूज की खपत कैसे की जाए, उसे लेकर जिलास्तर पर समन्वय स्थापित करें.
राज्य के बाहर बाजार तलाशने पर जोर
राज्य के बाहर कोलकाता, ओडिशा, बिहार और दिल्ली से भी समन्वय स्थापित किए जाएं. बाजार समिति के सचिव को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने जिले में किसानों द्वारा तरबूज की कितनी पैदावार की जा रही है, इसकी जानकारी उपलब्ध कराए. साथ ही यह भी जानें कि खपत की स्थिति क्या है और इसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार करें. यह भी देखें कि वहां के खरीदारों के साथ बैठक कर किसानों के तरबूज उचित कीमतों पर कैसे लिया जाए.
जिला उद्यान पदाधिकारी और बाजार समिति के सचिव ने विभाग के सचिव को जानकारी देते हुए बताया कि लॉकडाउन की वजह से खरीदार किसानों को उचित कीमत देने के लिए तैयार नहीं है. विभागीय सचिव ने अधिकारियों से कहा है कि वह किसान को अपना मेहनताना मिल सके. उन्हें नुकसान ना हो यह सुनिश्चित करने का काम करें. उनकी इसी कार्य कुशलता के आधार पर आने वाले समय में राज्य सरकार उन्हें सम्मानित करने का भी काम करेगी. वहीं विभाग के विशेष सचिव प्रदीप हजारे को न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने को लेकर जल्द बैठक कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं.
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