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AIMPLB ने कहा, यूनिफार्म सिविल कोड हमें मंजूर नहीं, अपनी राय लॉ कमीशन को भेजी

New Delhi : ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) यूनिफॉर्म सिविल कोड का विरोध करेगा. कल बुधवार को हुई लखनऊ में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया. बैठक लगभग तीन घंटे चली. खबर है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) पर अपनी राय लॉ कमीशन को भेज दी है. नेशनल">https://lagatar.in/category/desh-videsh/">नेशनल

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इसमें UCC का विरोध किया गया है. मोदी सरकार अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पूर्व यूनिफॉर्म सिविल कोड लाने की कवायद में है. इस बात का संकेत पहले ही पीएम मोदी दे चुके हैं.

सरकार मुसलमानों को परेशान करने की नीयत से बिल ला रही है

AIMPLB के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने बैठक के बाद कहा कि बोर्ड की बैठक में सभी सदस्य शामिल थे. बताया कि मीटिंग में UCC पर चर्चा हुई. मौलाना फिरंगी ने कहा कि देश में सभी को अपने हिसाब से अपने धार्मिक कानून बनाने के अधिकार है. यह सेक्युलर देश है. आरोप लगाया कि सरकार मुसलमानों को परेशान करने की नीयत से यह बिल ला रही है. हम इस बिल का पूरी तरह से विरोध करेंगे

देश में UCC की कोई जरूरत नहीं है

पत्रकारों से बात करते हुए महली ने कहा कि देश में UCC की कोई जरूरत नहीं है. यह समस्या केवल मुस्लिमों की ही नहीं है, बल्कि धर्म-समुदायों का भी है. कहा कि पांच साल पहले भी इस पर चर्चा की गयी थी. उस समय 21वें लॉ कमीशन का मानना था कि देश को इसकी जरूरत नहीं है. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी एक पत्र जारी करते हुए लोगों से उनकी राय मांगी गयी है और UCC का विरोध करने को कहा गया है. लॉ कमीशन ने 14 जून को नोटिस जारी कर UCC पर सभी पक्षों के विचार और सुझाव मांगे थे. इसी क्रम में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अपनी राय भेज दी है.

ओवैसी ने कहा, मोदी हिंदू सिविल कोड लाना चाहते हैं

UCC को लेकर AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पहले दिन से मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं. याद करें कि ओवैसी ने मीडिया को दिये एक इंटरव्यू में कहा था कि UCC के नाम पर प्रधानमंत्री मोदी हिंदू सिविल कोड लाना चाहते हैं, जिसका हम विरोध करते हैं. प्रधानमंत्री कहते हैं कि वो तो समानता की बात करते हैं, लेकिन हकीकत में वे इससे कोसों दूर हैं. [wpse_comments_template]

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