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AIMPLB ने मोदी सरकार को वक्फ संशोधन बिल को लेकर खबरदार किया, 17 को जंतर-मंतर पर धरना

NewDelhi : ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने केंद्र की मोदी सरकार से वक्फ संशोधन बिल को लेकर चेतावनी दी है. AIMPLB ने वक्फ बिल को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि अगर बिल संसद से पारित किया गया तो देशव्यापी आंदोलन किया जायेगा. बोर्ड के प्रवक्ता सैयद कासिम रसूल इलियास ने मंगलवार को कहा कि AIMPLB वक्फ (संशोधन) विधेयक के खिलाफ 17 मार्च को जंतर-मंतर पर धरना देगा.

पर्सनल लॉ बोर्ड पहले 13 मार्च को धरना देने वाला था

AIMPLB ने कहा,  विभिन्न मुस्लिम संगठनों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों सहित विपक्षी सांसदों को धरने में बुलाया गया है. जान लें कि पर्सनल लॉ बोर्ड पहले 13 मार्च को धरना देने वाला था, लेकिन उस दिन संसद में अवकाश के कारण विरक्षी सांसदों ने आने में असर्मथता व्यक्त की. इसके बाद AIMPLB ने तिथि में बदलाव किया.

  भाजपा के सहयोगी दलों  टीडीपी और जदयू को नहीं बुलाया गया है

बोर्ड के प्रवक्ता ने संवाददाताओं को जानकारी दी कि इस धरने में तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) और जनता दल (यू) आदि भाजपा के सहयोगी दलों को नहीं बुलाया गया है. कहा कि भाजपा की सांप्रदायिक राजनीति में उसकी सहयोगी पार्टियां भी साथ दे रही हैं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है.

जेपीसी को पांच करोड़ मुसलमानों ने ई-मेल के माध्यम से अपनी राय भेजी

सैयद कासिम रसूल इलियास ने कहा कि संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को लगभग पांच करोड़ मुसलमानों ने ई-मेल के माध्यम से अपनी राय भेजी है, लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा. इस बात को दोहराया कि यह विधेयक पारित किया गया तो मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू करेगा. बोर्ड ने बिल को मुसलमानों पर सीधा हमला करार दिया. कहा कि यह विधेयक भेदभावपूर्ण है बिल में वक्फ बोर्डों और परिषदों में गैर-मुस्लिम सदस्यों को रखने की बात है,

विधेयक को और भी कठोर और विवादास्पद बना दिया गया है

हिंदुओं और सिखों की बंदोबस्ती के प्रबंधन में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है. AIMPLB के महासचिव मौलाना फजलुर रहीम मुजद्दिदी और इलियास ने बयान जारी कर कहा, पांच करोड़ मुसलमानों ने विधेयक के खिलाफ संयुक्त समिति को ईमेल भेजे. लेकिन सरकार ने इस पर पुनर्विचार करने से इनकार कर दिया. आरोप लगाया विधेयक को और भी कठोर और विवादास्पद बना दिया गया है. माना जा रहा है कि सरकार मौजूदा सत्र (बजट सत्र का दूसरा चरण) में यह विधेयक संसद में पेश कर सकती है. हर खबर के लिए हमें फॉलो करें
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