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एयर इंडिया विनिवेश प्रक्रिया : दिल्ली हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा, सुब्रमण्यम स्वामी ने जनहित के खिलाफ बताया

LagatarDesk : एयर इंडिया की विनिवेश प्रक्रिया को रद्द करने की मांग को लेकर सुब्रमण्यम स्वामी ने दिल्ली् हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. जिस पर आज मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ पर सुनवाई हुई. दिल्ली हाई कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद फैसले को सुरक्षित रख लिया है और पक्षों को लिखित दलील पेश करने के लिए कहा. 6 जनवरी को फैसला सुनाया जायेगा. https://twitter.com/ANI/status/1478236171779993600

स्वामी ने कहा, बोली प्रक्रिया में हुई धांधली

सुब्रमण्यम स्वामी इस सुनवाई में दिल्ली हाई कोर्ट में उपस्थित हुए. स्वामी ने तर्क दिया कि एयर इंडिया की बोली प्रक्रिया में मनमानी की गयी. यह भ्रष्ट, दुर्भावनापूर्ण, असंवैधानिक और जनहित के खिलाफ थी. उन्होंने आरोप लगाया है कि बोली प्रक्रिया में टाटा संस ने धांधली की है. अपनी याचिका में स्वामी ने अधिकारियों की भूमिका और कार्यशैली की सीबीआई जांच कराने और इसकी एक विस्तृत रिपोर्ट अदालत के समक्ष पेश करने का भी अनुरोध किया.

स्पाइसजेट नहीं लगा सकती थी एयर इंडिया में बोली

स्वामी ने कहा कि एयर इंडिया के विनिवेश प्रक्रिया में स्पाइसजेट बोली नहीं लगा सकती थी क्योंकि उसके खिलाफ मद्रास उच्च न्यायालय में दिवाली प्रक्रिया चल रही है. इसका मतलब साफ है कि केवल एक ही कंपनी ने एयर इंडिया बिड में बोली लगायी. स्वामी ने कहा कि वो विनिवेश प्रक्रिया के खिलाफ नहीं है. वे इसके सपोर्ट में है. उन्होंने कहा कि मैं ओपन मार्केट में विश्वास करता हूं. मैंने सिर्फ इस प्रक्रिया में अनौचित्य का मुद्दा उठाया है.

केंद्र सरकार और टाटा संस के वकील ने रखा अपना पक्ष

केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दिल्ली हाईकोर्ट में पक्ष रखा. उन्होंने बताया कि एयर इंडिया लगातार घाटे में चल रही थी. सरकार और ज्यादा नुकसान नहीं उठा सकती थी. जबकि टाटा संस की ओर से कहा गया कि एयर इंडिया की बोली लगाने वाली कंपनी 100 प्रतिशत भारतीय है.

एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस की बिक्री

पिछले साल अक्टूबर में केंद्र सरकार ने टाटा संस की एक कंपनी द्वारा एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस के 100 फीसदी हिस्सेदारी के लिए पेश की गयी उच्चतम बोली को स्वीकार किया था. साथ ही सरकार ने ग्राउंड हैंडलिंग’ कंपनी एआईएसएटीएस में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए पेश की गयी बोली को स्वीकार किया था. [wpse_comments_template]

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