NewDelhi : एयर इंडिया के निजीकरण के बाद सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को निजी हाथों में सौंपने की केंद्र की मोदी सरकार की कवायद तेज हो गयी है. सरकार ने संकेत दिये हैं कि दिसंबर तक और दो सरकारी कंपनियों को निजी हाथों में सौंपा जा सकता है, इन कंपनियों में नीलाचल इस्पात और सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल है. सरकार द्वारा इन दोनों कंपनियों से जुड़े लेनदेन दिसंबर तक पूरे होने की संभावना जताई गयी है,
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में अडानी के मुंद्रा पोर्ट पर ड्रग्स बरामदगी के मामले में एनआईए की कई राज्यों में रेड शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और पवन हंस का भी नाम
टीओआई ने निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडे के हवाले से बताया है कि लगभग दो दशकों में पहले निजीकरण से मिली सीख सरकार के निजीकरण अभियान को गति देने में मदद करेगी. इस क्रम में सरकार जिन अन्य पीएसयू का निजीकरण (प्राइवेटाइजेशनः करना चाहती है, उनमें शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और पवन हंस का भी नाम आता है. यही नहीं, इसके अलावा सरकार LIC की शेयर बाजार पर मेगा लिस्टिंग के साथ-साथ मार्च तिमाही में बीपीसीएल और बीईएमएल के निजीकरण की भी उम्मीद कर रही है.
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: यूपी में चुनावी सरगर्मी के बीच आयी खबर, दिसंबर 2023 में अपने मंदिर में विराजमान हो जायेंगे रामलला खस्ताहाल पीएसयू के लिए एयर इंडिया की बिक्री से राह आसान
एयर इंडिया की बिक्री के लिए बोली टाटा सन्स द्वारा जीते जाने के बाद कहा जा रहा है कि अब अन्य खस्ताहाल सरकारी कंपनियों के निजीकरण की राह आसान हो गयी है, बता दें कि टाटा सन्स की इकाई ने 18000 करोड़ रुपये में एयर इंडिया के लिए बोली अपने नाम की हैं. जान लें कि एयर इंडिया को खरीदने की रेस में स्पाइसजेट के फाउंडर अजय सिंह की अगुवाई वाला कंसोर्शियम भी था. लेकिन उनकी बोली 15000 करोड़ रुपये रही थी. [wpse_comments_template]
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