Lucknow : यूपी मे के बीच खबर आयी है कि दिसंबर 2023 में रामलला (अयोध्या) को ग्राउंड फ्लोर के मंदिर के गर्भगृह में विराजमान कर दिया जायेगा. बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की गति काफी तेज की हो गयी है. नींव की ढलाई का काम पूरा हो गया है, अब राफ्ट के फाउंडेशन का काम पीक पर है. निर्माणकार्य बड़ी मशीनों से रात को 25 डिग्री सेल्सियस तापमान पर किया जा रहा हैं ग्राउंड फ्लोर का काम पूरा करने की समयसीमा दिसंबर 2023 तय की गयी है.
श्रद्धालु मंदिर मे ही रामलला के दर्शन कर सकेंगे
मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों के अनुसार जैसे ही ग्राउंड फ्लोर तैयार हो जायेगा, रामलला मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हो जायेंगे. उसके बाद श्रद्धालु मंदिर मे ही रामलला के दर्शन कर सकेंगे. इस बीच मंदिर की ऊपर की मंजिलों का काम जारी रहेगा. मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय और कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरि का कहना है कि मंदिर निर्माण में मशीनों की संख्या बढ़ाकर एक दर्जन कर दी गयी है.
प्रधानमंत्री मोदी ने 5 अगस्त 2020 को अयेाध्या में भूमि पूजन किया था
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त 2020 को अयेाध्या पहुंच कर भूमि पूजन किया था. उसके बाद ट्रस्ट ने जून 2021 की बैठक में मंदिर के ग्राउंड फ्लोर का काम पूरा करने की समयसीमा दिसंबर 2023 तय करने का ऐलान किया.साथ ही इसी माह के अंतिम सप्ताह से गर्भगृह में राम लला को विराजमान कर दर्शन आरंभ करने की भी घोषणा कर दी. श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के अनुसार, 2023 तक ग्राउंड फ्लोर तैयार करने के लिए सभी तरह के निर्माण कार्य को समयसीमा में बांधकर तेजी से काम पूरा करवाया जा रहा है. दिसंबर 2021 में बेस प्लिंथ का काम पत्थरों से शुरू किया जायेगा. इसमें मिर्जापुर के पत्थर लगाये जायेंगे. बेस प्लिंथ की ऊंचाई करीब 15 फुट की होगी, अप्रैल 2022 में मुख्य मंदिर का काम राजस्थान के वंशी पहाड़पुर के पत्थरों से शुरू होगा.
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मंदिर ट्रस्ट के खाते मे 3,500 करोड़ से ज्यादा धनराशि
मंदिर ट्रस्ट ने 15 जनवरी से 15 फरवरी 2021 के बीच मंदिर निर्माण के लिए विश्व हिंदू परिषद और संघ परिवार के सहयोग से धन संग्रह का अभियान चलाया था. जानकारी के अनुसार मंदिर ट्रस्ट के खाते मे 3,500 करोड़ से ज्यादा धनराशि जमा हो चुकी है. इसके अलावा हर माह करीब 50 लाख रुपये मंदिर के खाते में जमा हो रहे हैं.
यूपी मे चुनावी सरगर्मी तेज है. सत्ताधारी दल भाजपा के अलावा कांग्रेस, बीएसपी, AAP और समाजवादी पार्टी ने भी चुनावी अभियान शुरू करने लिए अयोध्या और रामलला के दर्शन में आस्था जताई है. सभी दलों के कार्यक्रम अयेाध्या में हो रहे हैं. भाजपा न अपने फ्रंटल संगठनों के सम्मेलनों में राम मंदिर के मॉडल के पोस्टर को मंच के पीछे लगाकर, इसको चुनावी भाषण में से जोड़ना शुरू कर दिया है. भाजपा के सम्मेलनों मे मुख्य अतिथियों को मंदिर मॉडल के स्मृति चिन्ह प्रदान किये जा रहे हैं.