नहीं दें रहे हैं अगला ऑर्डर
30 से 40 परिवार का जमा-जमाया रोजगार धंधा पूरी तरह से तबाह होने की स्थिति में हैं. ऐसे 20 दुकानदार सामान के लिए अगला ऑर्डर नहीं दे रहें हैं. वहीं छोटे उद्योग चलाने वाले भी अपने माल का ऑर्डर कैंसिल कर चुके हैं.मुनाफे की है चिंता
वहां छोटे-मोटे व्यवसाय करने वाले कई परिवार ऐसे हैं , जिनका प्रत्येक दिन का न्यूनतम मुनाफा 1000 रुपये से लेकर 4000 रुपये तक है. अब उन्हें दूसरे जगहों पर नये सिरे से काम धंधा शुरू करने के बाद मुनाफे की चिंता है.क्या कहते हैं स्थानीय
स्थानीय ममता कुमारी कहती हैं कि किराना दुकान ही एक मात्र सहारा है. नोटिस मिलने के बाद हमलोग दुकान के सामान को खाली करने में लगे हैं. और जो ऑर्डर था उसे कैंसल कर दिए हैं. किसी दूसरे जगह पर काम धाम की शुरुआत करते हैं तो क्या गारंटी है कि हमारा काम धंधा चलेगा ही. स्थानीय आजाद मुंडा ने कहा कि कम उम्र से ही दुकान चलाकर परिवार चला रहें हैं. मुर्गा दुकान से रोजाना एक हजार तक कमाई हो जाती हैं. विस्थापन के बाद फिर से शुरुआत करना आसान नहीं. घर के सभी लोगों का खर्च, बच्चों की पढ़ाई- लिखाई का खर्च, अपने धंधे से पूरा हो जाता है. अब क्या होगा पता नहीं स्थानीय प्रमोद मुंडा ने कहा कि पढ़ाई समाप्त कर नौकरी की जगह स्वरोजगार करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक दुकान घर के नजदीक शुरू की थी. इसमें काफी पूंजी लगा दिये. अब दुकान का सारा सामान खत्म कर पूंजी निकालने की सोच रहें हैं. इसे भी पढ़ें : हजारीबाग">https://lagatar.in/hazaribagh-former-mla-reached-to-meet-the-victims-family-gave-3-news-including-financial-support/">हजारीबाग: पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे पूर्व विधायक, दिया आर्थिक सहयोग समेत 3 खबरें [wpse_comments_template]
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