- रिश्वत लेने के आरोपी जेई को बना दिया सहायक अभियंता-पार्ट टू
- शुभम संदेश की खबर के बाद आरोपी जेई को हटाने के लिए हुई स्थापना बैठक
- छह दिन बाद भी जारी नहीं हो सका नोटिफिकेशन
यह है नियम
बिहार सेवा संहिता के नियम 99 में आरोपी को लेकर नियम एवं शर्तें तय हैं. नियम 99 कहता है कि जिस सरकारी सेवक के विरुद्ध कोई आरोप लगा है और गिरफ्तारी के निमित या दांडिक आरोप पर कार्यवाही की गयी हो अथवा जो निवारक निरोध का उपबंध करने वाली किसी विधि के अधीन निरुद्ध किया जाए, वह हवालात में निरोध या कारावास की कालवधि तक मुअत्तल समझा जाएगा. इस कालावधि में कोई वेतन या भत्ते लेने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए, जबतक कि उसके विरुद्ध की जाने वाली कार्यवाही समाप्त न हो जाए या उसे निरोध मुक्त न कर दिया जाए. तब तक उसे पुन: कर्त्तव्य (पद) ग्रहण की अनुमति नहीं दी जाए.आरोपी जेई अब तक कोर्ट से आरोप मुक्त नहीं हुए हैं
विद्युत कार्य प्रमंडल धनबाद के तहत अवर प्रमंडल कार्यालय में अजय कुमार सिंह (कोटि अनुसूचित जनजाति) जूनियर विद्युत इंजीनियर के रूप में कार्यरत थे. इस दौरान वे विद्युत कार्य प्रमंडल रांची में सहायक विद्युत अभियंता के प्रभार में थे. उस समय निगरानी विभाग द्वारा इन्हें रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया था. इसके बाद वे तीन महीना जेल में रहे. बेल पर बाहर आए. इनका मामला अभी भी कोर्ट में चल रहा है. वे लगातार हियरिंग में शामिल हो रहे हैं. गत 15 जुलाई को भी सुनवाई थी. यानी आरोपी जेई अब तक अरोप मुक्त नहीं हुए हैं. इसे भी पढ़ें – इंस्टाग्राम">https://lagatar.in/friendship-was-made-with-instagram-dutch-woman-reached-hazaribagh/">इंस्टाग्रामसे हुई थी दोस्ती, हॉलैंड की महिला पहुंची हजारीबाग [wpse_comments_template]
Leave a Comment