सरकार की मंशा साफ नहीं
झारखंड में नौ चिह्नित जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषाएं हैं और जनजातीय विभाग भी इन्हीं नौ भाषाओं के संरक्षण एवं शोध पर कार्य करता है. सरकार की मंशा साफ नहीं है. यदि सरकार की मंशा साफ होती तो वह ऐसा नहीं करती, लेकिन इसके उलट उसने जबरदस्ती का अतिक्रमण कर अन्य भाषाओं को जगह दी है. इससे यह स्पष्ट हो रहा कि महागठबंधन सरकार ने युवाओं को नौकरी देने के मकसद के लिए नहीं बल्कि बेचने के मकसद से यह अधिसूचना जारी की है. साथ ही यह भी स्पष्ट हो गया है वर्तमान सरकार का झारखंड एवं झारखंडियों के साथ कोई भावनात्मक जुड़ाव नहीं है. इसे भी पढ़ें- आपराधिक">https://lagatar.in/it-is-the-responsibility-of-the-government-and-police-to-stop-criminal-incidents-raghuvar-das/">आपराधिकघटनाएं रोकना सरकार और पुलिस की जिम्मेदारी : रघुवर दास
आजसू पार्टी चुप नहीं बैठेगी
झारखंडियों के बीच जो आक्रोश दिख रहा, उसका कारण राज्य सरकार का निर्णय है. भाषा को लेकर जो आक्रोश पूरे झारखंड में दिख रहा है, वह स्वाभाविक आक्रोश है. अगर आंदोलनरत युवाओं पर सरकार कोई दमनकारी रवैया अपनायेगी और उन पर केस मुकदमा करेगी, तो आजसू पार्टी चुप नहीं बैठेगी और पूरे राज्य में व्यापक आंदोलन करेगी.देवशरण भगत ने कहा
आजसू पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता देवशरण भगत ने कहा कि अधिसूचना में कई ऐसे पहलू हैं, जो यह साबित करता है कि यह झारखंडियों को केंद्रबिंदु में रखकर नहीं बल्कि औरों को केंद्रबिंदु में रखकर जारी किया गया है. अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय स्तर एवं राजकीय भाषाओं को क्षेत्रीय भाषा की सूची में डालने का कोई औचित्य नहीं. सरकार का यह निर्णय हमारी जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषाओं के अस्तित्व को खत्म करने वाला निर्णय है. हमारे केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने स्थानीय नीति पर स्पष्ट मंतव्य देते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से खतियान आधारित स्थानीय नीति पर अपनी राय स्पष्ट करने की बात विधानसभा में रखी थी. आजसू पार्टी मुख्यमंत्री से आग्रह करती है कि 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति पर अपना रुख स्पष्ट करे. इसे भी पढ़ें- 9">https://lagatar.in/9-jas-officers-transferred-rmc-sub-commissioner-kunwar-singh-pahan-appointed-as-amc/">9JAS अधिकारियों का तबादला, RMC उपनगर आयुक्त कुंवर सिंह पाहन बने AMC [wpse_comments_template]

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