Ranchi : झारखंड में PESA कानून, सरना धर्म कोड और जातीय जनगणना जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर आजसू पार्टी ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की.पार्टी नेताओं ने राज्य सरकार, विशेष रूप से कांग्रेस और झामुमो पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार इन मुद्दों पर केवल राजनीतिक नाटक कर रही है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में आजसू नेता प्रवीन प्रभाकर, देवशरण भगत और युवा नेता संजय मेहता मौजूद थे. सभी नेताओं ने सरकार पर आदिवासी हितों के साथ खिलवाड़ का आरोप लगाया.
सरना कोड को पहले ही अव्यावहारिक बताकर खारिज कर चुकी है सरकार -प्रवीन प्रभाकर आजसू नेता प्रवीन प्रभाकर ने कहा कि कांग्रेस और झामुमो की कथनी और करनी में बड़ा फर्क है. कांग्रेस की सरकार पहले ही सरना धर्म कोड को अव्यावहारिक बताकर नकार चुकी है.आज वही सरकार इस मांग को हवा दे रही है, जबकि हकीकत यह है कि इन्हें आदिवासी हितों से कोई सरोकार नहीं है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सत्ता में रहते आदिवासियों के साथ न्याय की कोई उम्मीद नहीं की जा सकती. 1961 में भी कांग्रेस ने सरना धर्म कोड का विरोध किया था, और आज भी उसका रुख वही है. यह आदिवासी समाज के साथ एक छलावा है.
PESA लागू नहीं, फिर किस आधार पर सरना कोड- संजय मेहता
युवा नेता संजय मेहता ने सरकार पर झारखंड हाईकोर्ट के आदेशों की अनदेखी का आरोप लगाया : हाईकोर्ट ने दो महीने के भीतर PESA कानून लागू करने का निर्देश दिया था, लेकिन सरकार ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है. दूसरी ओर, सरना कोड के मुद्दे पर सरकार खुद धरने पर बैठ रही है और राजनीतिक खेल खेल रही है. उन्होंने सवाल उठाया कि जब सरकार PESA लागू नहीं कर पा रही है, तो वह सरना कोड को किस नैतिक आधार पर आगे बढ़ा रही है.
जातीय जनगणना पर राजनीति दुर्भाग्यपूर्ण- देवशरण भगत : आजसू नेता देवशरण भगत ने जातीय जनगणना के मुद्दे पर चल रही राजनीति को दुर्भाग्यपूर्ण बताया.जातीय जनगणना कोई गलत मांग नहीं है, लेकिन इसे लेकर अनावश्यक भ्रम फैलाया जा रहा है और मुद्दे को भटकाया जा रहा है. हम इसका विरोध करते हैं. आजसू शुरू से ही इसके समर्थन में रही है.