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सरकार के खिलाफ आजसू का हल्लाबोल, 14 अप्रैल को पार्टी का जेल भरो अभियान

Ranchi : राज्य में आजसू पार्टी की ओर से 14 अप्रैल को जेल भरो अभियान शुरू जायेगा. आजसू पार्टी सात मांगों को लेकर अभियान चलायेगी. पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेस वर्ता को संबोधित करते हुये पार्टी के केंद्रीय मुख्य प्रवक्ता देवशरण भगत ने कहा कि सात मांगों में खतियान आधारित स्थानीय एवं नियोजन नीति लागू करने, पिछड़ों को आबादी अनुसार आरक्षण सुनिश्चित करने, जातीय जनगणना सुनिश्चित करने, सरना धर्म कोड लागू करने, बेरोजगारों को रोज़गार देने, झारखंड के संसाधनों की लूट बंद करने तथा झारखंड आंदोलनकारियों को सम्मान देने की बात मुख्य रुप से शामिल हैं.

पूरे राज्य में जेल भरो आंदोलन करेगी

देवशरण भगत ने कहा कि भारत रत्न बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जयंती के अवसर पर आजसू पार्टी 14 अप्रैल को पूरे राज्य में जेल भरो आंदोलन करेगी. राज्य सरकार ने 7 मार्च को होने वाले विधानसभा घेराव को विफल करने हेतु सभी तंत्र को लगा दिया था. आजसू पार्टी के दस हजार से अधिक कार्यकर्ताओं पर केस-मुकदमा किया गया, उन्हें जगह-जगह रोका गया. कई नेताओं को उनके घर से पुलिस ने उठा लिया, तो कई को स्टेशन से. लेकिन तमाम राजशाही फरमानों के बावजूद आजसू के कार्यकर्ताओं ने अपनी आवाज़ बुलंद की और अब 14 अप्रैल को आजसू के कार्यकर्ता राज्य के हर जेल में अपना परिचय देंगे. आजसू पार्टी सरकार से यह जानना चाहती है कि झारखंड की पहचान, यहां की माटी के लिए लड़ने वालों के लिए उनके जेलों में कितनी वेकैंसी है.

सदन में सवालों का गोल-मटोल जवाब दे रही सरकार

आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो द्वारा विधानसभा में स्थानीय नीति, पिछड़ा आरक्षण, बेरोज़गारी एवं संसाधनों के दोहन के मुद्दे को लेकर पूछे गए सवालों का सरकार गोल-मटोल जवाब देती है.सरकार बनने के 2 साल बाद भी अगर राज्य के मुख्य विषयों पर सरकार का सीधा जवाब नहीं आना, यह सिद्ध करता है कि जनहित के मुद्दों का हल करने हेतु ये लोग बिल्कुल भी गंभीर नहीं.

बालू घाटों पर किसका कब्जा

सुदेश कुमार महतो ने संसाधनों की लूट पर भी विधानसभा में सरकार से सवाल किया, लेकिन सरकार की ओर से कोई स्पष्ट जवाब नहीं आया. बालू घाटों की लम्बे समय से नीलामी नहीं होने के कारण हर वर्ष अरबों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है. अब तो आलम यह है कि अवैध बालू लदी गाड़ियों के पकड़े जाने की संख्या ज्यादा है और इसके एवज में राशि वसूली कम हो गयी है.

दो साल बाद भी बेरोजगारी भत्ता प्रदान करने के मापदंड तैयार नहीं

बेरोज़गारी एवं बेरोज़गारी भत्ता को लेकर सुदेश कुमार महतो द्वारा पूछे गए प्रश्नों पर सरकार का यह जवाब आता है कि-"बेरोजगारी भत्ता प्रदान करने के मापदंड को अभी तक अंतिम रुप नहीं दिया गया है." यह झारखंडी जनता और यहां के युवाओं के साथ विश्वासघात नहीं तो और क्या है? आजसू पार्टी सरकार से यह आग्रह करती है कि झामुमो महागठबंधन की सरकार अब टालमटोल करना बंद करे और स्थानीय नीति, नियोजन नीति, आरक्षण के विषयों को हल करने हेतु निश्चित अवधि तय करे. इसे भी पढ़ें - पुरानी">https://lagatar.in/state-workers-getting-mobilized-for-the-demand-of-old-pension-scheme/">पुरानी

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