बिरसा मुंडा की जयंती पर प्रश्नोत्तरी का आयोजन
परंपरा और वीरता का इतिहास जानने का मिलेगा मौक
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए अभाविप के क्षेत्रीय संगठन मंत्री निखिल रंजन ने कहा कि स्वाधीनता के 75 वें वर्ष पर भारत सरकार ने हमारा देश - हमारा राज का नारा देने वाले बिरसा मुंडा की जंयती को जनजाति गौरव दिवस के रूप में मनाने निर्णय लिया. सरकार के इस निर्णय से पूरा भारतीय समाज आनंदित है. इस निर्णय से जनजाति समाज की गौरवशाली परंपरा, निडरता, वीरता और शौर्यपूर्ण बलिदानी इतिहास लोगों को जानने का मौका मिलेगा. यह भी जानने का मौका मिलेगा कि षड़यंत्रपूर्वक जनजाति समाज के इतिहास, शौर्य, पराक्रम और बलिदान को किस तरह छिपाया गया. स्वतंत्रता की लड़ाई में देश का कोई ऐसा भाग नहीं जहां जनजाति समाज ने बढ़-चढ़कर हिस्सा नहीं लिया. यह समाज हमेशा से ही स्वाभिमानी और भारतीय संस्कृति की रक्षा के लिए समर्पित रहा है. इसे भी पढ़ें-बिरसा">https://lagatar.in/youth-sudesh-kumar-mahato-should-take-responsibility-of-fulfilling-birsas-dream/">बिरसाके सपने को साकार करने की जिम्मेदारी निभाये युवा-सुदेश कुमार महतो
बिरसा के इतिहास पर की गयी चर्चा
कार्यक्रम के दौरान बिरसा मुंडा के इतिहास पर भी चर्चा की गयी. इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा गया कि 1891 में भगवान बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों के खिलाफ बिगुल फूंका और सतत संघर्ष किया. इस दौरान पूरा समाज उनके साथ खड़ा रहा. वह कालखंड स्वाधीनता के आंदोलन में रंग गया. उनके योगदान का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि समाज उन्हें अपना धरती आबा यानी धरती का भगवान मानता है.कार्यक्रम में मुख्य रुप से विभाग संयोजक अनिकेत सिंह, विश्वविद्यालय संयोजक कुमार दुर्गेश, जिला संयोजक प्रेम प्रतीक, प्रणव गुप्ता, आरव कुमार, शुभम गोस्वामी सहित अन्य शामिल रहे. इसे भी पढ़ें-धरती">https://lagatar.in/the-cm-handed-over-the-land-endowment-lease-to-the-descendants-of-dharti-aba-said-the-person-among-the-tribal-society-is-involved-in-the-development-of-the-state/">धरतीआबा के वंशज को CM ने सौंपा भूमि बंदोबस्ती पट्टा, कहा,’आदिवासी समाज के बीच का व्यक्ति राज्य के विकास में है जुटा’

Leave a Comment