Surjit Singh
क्या यह महज संयोग है कि कांग्रेस के धीरज साहू के ठिकानों से 300 करोड़ रुपये से अधिक रुपये की बरामदगी के कुछ महीने बाद ही मंत्री आलमगीर आलम के पीए संजीव लाल के नौकर जहांगीर के घर से करीब 40 करोड़ से अधिक कैश मिले हैं. क्या कांग्रेस-झामुमो अब भी ईडी की इस कार्रवाई को सत्ता पक्ष द्वारा ईडी के गलत इस्तेमाल की बात कहकर आम लोगों की आंख में धूल झोंक पायेंगे. बिल्कुल नहीं. पीए के नौकर के घर से इतनी बड़ी राशि की बरामदगी विशुद्ध रूप से आलमगीर आलम व उनके विभाग में भ्रष्टाचार से जुड़ा माना जायेगा. आलमगीर आलम कांग्रेस से विधायक हैं और झारखंड सरकार में मंत्री हैं, ग्रामीण विकास विभाग जैसे भारी-भरकम बजट वाला विभाग उनके पास है. भ्रष्टाचार के तमाम अवसर उपलब्ध है. इतनी बड़ी राशि की बरामदगी यह बताने के लिए काफी है कि मंत्री आलमगीर आलम के विभाग में क्या कुछ चल रहा था. भ्रष्टाचार किस उंचाई तक पहुंची हुई है.
एक बात यह भी है कि आलमगीर आलम उस कांग्रेस पार्टी के कोटे से मंत्री हैं, जिसके नेता पैसों की कमी के कारण ठीक से चुनाव प्रचार नहीं करने की बात कह रहे हैं. विज्ञापन और होर्डिंग लगाने तक के पैसे नहीं हैं. लेकिन उनकी ही पार्टी के एक मंत्री के पीए के नौकर के घर से करोड़ों रूपये मिल रहे. इससे यह भी स्पष्ट होता है कि कांग्रेसी सिर्फ अपना घर भरने में भरोसा रखते हैं. इस घटना ने कांग्रेस के उन विधायकों के आरोपों को भी सही साबित कर दिया है, जिसमें वो मंत्रियों के भ्रष्टाचार की बात कह रहे हैं. जो विधायक दिल्ली में जाकर पार्टी के मंत्रियों को बदलने की मांग कर रहे थे.
बहरहाल, धीरज साहू के बाद मंत्री आलमगीर आलम के पीए के नौकर के घर से रूपये की बरामदगी की घटना ने झारखंड ही नहीं देश भर में भाजपा को राज्य सरकार और इंडिया गठबंधन पर एक और हमले का बड़ा मौका बैठे-बिठाये दे दिया है. झारखंड सरकार में भ्रष्टाचार को लेकर भाजपा और ज्यादा आक्रामक होगी और चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों को इसका फायदा भी मिलेगा. दूसरी तरफ कांग्रेस-झामुमो के प्रत्याशियों को बड़ा नुकसान होगा. सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत उनके कई करीबी पहले से ही भ्रष्टाचार के मामले में जेल में बंद हैं. अब यह पैसे की बरामदगी ईडी के उन आरोपों को और मजबूत करता है, जिसमें कहा जा रहा है कि झामुमो-कांग्रेस सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर है. आम लोगों में यही संदेश जायेगा कि वर्तमान सरकार में मंत्री-अधिकारी भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हैं. कुल मिलाकर बीच चुनाव में मंत्री आलमगीर आलम भ्रष्टाचार का नया चेहरा व नया पोस्टर ब्यॉय बन गये हैं.
[wpse_comments_template]