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भुइयां जाति के सभी लोगों को मिले एसटी का लाभ : आलमगीर आलम

Ranchi : झारखंड विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता व संसदीय कार्य, ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य एवं पंचायती राज मंत्री आलमगीर आलम ने कहा है कि 2019 में झारखंड कैबिनेट द्वारा भुइयां जाति की सभी उपाधि प्राप्त जातियों को अनुसूचित जाति का लाभ देने के लिए पारित प्रस्ताव का चार साल बाद भी व्यावहारिक अनुपालन नहीं होना गंभीर चिंता की बात है. आलमगीर ने कहा कि वे शीघ्र ही इस मामले में भुइयां जाति को अनुसूचित जाति का लाभ दिलाने का प्रयास करेंगे. मोरहाबादी में अखिल भारतीय भुइयां समाज के सम्मेलन को संबोधित करते हुए आलम ने कहा कि लोकतंत्र, समानता और सभी का विकास कांग्रेस पार्टी का मूलभूत सिद्धांत है. न केवल भुइयां बल्कि झारखंड में जितनी भी अनुसूचित जाति और जनजाति हैं, उन सभी को उनका संवैधानिक अधिकार दिलवाने के लिए राज्य सरकार पूरी तरीके से संकल्पित है. https://lagatar.in/wp-content/uploads/2023/06/121-6.jpg"

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सरकार सही दिशा में काम कर रही- प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष

सम्मेलन में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार में दूरदर्शिता, लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति समर्पण और समाज के सभी वर्गों को उसका अधिकार दिलाने के प्रति नकारात्मक विचार थे, लेकिन यूपीए की सरकार आने के बाद झारखंड सरकार सही दिशा में काम कर रही है.

18 साल बाद भी समस्या का समाधान नहीं- शिल्पी नेहा तिर्की

झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा कि विभिन्न जिलों में फैली हुई भुइयां जाति की पाइक, खंडित पाइक, खंडित प्रधान, कोटवार, मांझी, देहरी, क्षत्रिय, छतरिया, गरही, गड़ाही, खंडित भुइयां आदि उपाधि प्राप्त अनुसूचित जाति के लोग रांची में जुटे हैं. उनकी एकमात्र मांग अपने संवैधानिक अधिकारों की प्राप्ति है. मांडर की विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि 2005 में पहली बार पूर्व मंत्री बंधु तिर्की ने विधानसभा में भुइयां अनुसूचित जाति की खतियान संबंधी विविध विसंगतियों को विधानसभा में उठाया था. लेकिन 18 साल गुजरने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो पाया है, तो हमें अपने अंदर झांकने की जरूरत है.

भुइयां समाज के लोगों को संवैधानिक अधिकार नहीं मिलना दुखद- मेघनाथ

समारोह में अपने संबोधन में अखिल भारतीय भुइयां समाज के अध्यक्ष मेघनाथ नाइक ने कहा कि भुइयां समाज ने हमेशा देशहित और झारखंड के हित में काम किया है. परंतु ब्यूरोक्रेसी की कुछेक त्रुटियों के साथ ही कुछेक अन्य अज्ञात बाधाओं के कारण भुइयां समाज के लाखों लोगों को उनका संवैधानिक अधिकार नहीं मिलना बहुत दुखद है. उन्होंने कहा कि भुइयां जाति के लाखों लोगों को अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र नहीं मिलने के कारण उन्हें किसी भी सरकारी कल्याणकारी योजना का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है. साथ ही इसके कारण अनेक बच्चों की पढ़ाई और मेडिकल, इंजीनियरिंग में आरक्षण पर आधारित उनका नामांकन नहीं होने के कारण भविष्य अंधकारमय हो रहा है. सम्मेलन को मुरलीधर कोटवार, उदय प्रताप सिंह, रामकृपाल प्रधान, दुर्गानाथ पाइक, जगन्नाथ नायक, हरिश्चन्द्र मांझी, मनोज पाइक, आकाश खंडित, नीलांबर सिंह ने भी संबोधित किया. इसे भी पढ़ें – रांचीः">https://lagatar.in/ranchi-eds-inquiry-with-town-co-took-information-about-vishnu-agarwals-mall-and-land/">रांचीः

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