- वार्ड सदस्यों और उप मुखिया ने मुख्य सचिव, पंचायती राज सचिव व एसीबी को भेजा पत्र, कार्रवाई की मांग
- सिल्ली प्रखंड की बंता-हजाम पंचायत का मामला
- 14-15वें वित्त आयोग की 20.24 लाख की राशि
Ranchi : सिल्ली प्रखंड के बंता-हजाम पंचायत में मुखिया, पंचायत सेवक, कनीय अभियंता और वेंडर ने मिलीभगत से 14 एवं 15 वें वित्त आयोग के 20 लाख, 24 हजार, 386.56 रुपए की अवैध निकासी की है. यह आरोप उप मुखिया एवं वार्ड सदस्यों ने लगाया है. इन्होंने मुख्य सचिव, प्रधान सचिव पंचायती राज, एसीबी महानिदेशक, जिला पंचायती राज पदाधिकारी और बीडीओ को पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की है. शिकायत करने वालों में उप मुखिया बिरला देवी, वार्ड सदस्य कमलेश पातर मुंडा, अनिता कुमारी, बालिका देवी, उर्मिला देवी, विशेश्वर मुंडा, कविता देवी शामिल हैं. इन्होंने आरोप लगाया है कि विभागीय निर्देश का उल्लंघन करते हुए बिना किसी तकनीकी स्वीकृति के मुखिया और पंचायत सेवक ने मनमाने ढंग से अनधिकृत वेंडर को ठेका देकर और कनीय अभियंता के द्वारा मापी पुस्तिका गलत प्रविष्टि करते हुए जनता के पैसों की अवैध निकासी की है.
यह है मामला
शिकायती पत्र में कहा गया है कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2022 के बाद वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2023-24 में ग्राम पंचायत की कार्यकारिणी समिति की प्रशासनिक स्वीकृति एवं सक्षम प्राधिकार की तकनीकी स्वीकृति के बगैर योजनाओं के नाम यह निकासी की गयी है. बंता-हजाम पंचायत के मुखिया, पंचायत सेवक, कनीय अभियंता एवं वेंडर पर मिलीभगत से नियम विरुद्ध पैसे की निकासी का आरोप लगाया गया है.
नियम विरुद्ध हुई निकासी
पत्र में कहा गया है कि ग्रामीण विकास विभाग पंचायती राज की अधिसूचना संख्या 658, दिनांक 26.02-2016 की कंडिका 2 के अनुसार 19 लाख से अधिक रुपये की योजनाओं की तकनीकी स्वीकृति के सक्षम प्राधिकार सहायक अभियंता और 5 लाख तक की योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति के लिए ग्राम पंचायत की कार्यकारिणी समिति के द्वारा सामूहिक रूप से निर्णय लिया जाता है. अधिसूचना के अनुसार, तीन लाख रुपये तक की योजनाएं लाभुक समिति के माध्यम से स्वीकृत करायी जा सकती है. लाभुक समिति का चयन पंचायत की कार्यकारिणी समिति द्वारा किया जाता है. तीन लाख रुपये से अधिक की योजनाओं का क्रियान्वयन निविदा के माध्यम से कराया जाता है. लेकिन विभागीय निर्देश का उल्लंघन करते हुए बिना किसी तकनीकी स्वीकृति के मुखिया और पंचायत सेवक ने मनमाने ढंग से अनधिकृत वेंडर को ठेका देकर और कनीय अभियंता के द्वारा मापी पुस्तिका गलत प्रविष्टि करते हुए जनता के पैसों की अवैध निकासी की है.
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