Hussainabad (Palamu) : सरस्वती शिशु विद्या मंदिर जपला में विद्या विकास समिति,झारखंड के निर्देशन में आयोजित त्रि-दिवसीय आचार्य कार्यशाला का समापन रविवार को हो गया. समापन सत्र का शुभारंभ विद्यालय प्रबंधकारणी समिति के माननीय सचिव राकेश तिवारी, प्रधानाचार्य कृष्णकांत दूबे, आरएसएस के सह विभाग कार्यवाह शशि कुमार, व्याख्याता सुप्रिया जैन,राजेश कुमार सिंह, सतीश सिंह ने संयुक्त रूप से मां सरस्वती, भारत माता एवं ओंकार के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर किया.
इसे भी पढ़ें :जनजाति समाज है तो पर्यावरण सुरक्षित है : सुदर्शन भगत
कार्यशाला में शिक्षा नीति समेत कई मुद्दों पर चर्चा
कार्यशाला में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के परिप्रेक्ष्य,प्रतियोगिता, परिणाम, शुद्ध भाषा अभिव्यक्ति, शुद्ध एवं सुंदर लेखन एवं उपलब्धि पर चर्चा की गई. मौके पर विद्यालय के सचिव राकेश तिवारी ने अपने संबोधन में कहा कि बच्चों में शिक्षा के साथ-साथ संस्कार और चरित्र का निर्माण भी आवश्यक है. शिक्षा में संस्कार का होना अति आवश्यक है. सरस्वती शिशु मंदिर गैर सरकारी संस्था है, इसे सरकार के द्वारा किसी प्रकार से कोई अनुदान प्राप्त नहीं होता है. यहां छात्र-छात्राएं अपने माता पिता के भावी आशाओं के अनुरूप तैयार होते हैं. यहां के शिक्षा पद्वति का शिक्षा के जगत में एक विशिष्ट पहचान है. समापन सत्र में विद्यालय के वरिष्ठ आचार्य हरिमोहन पाठक, मृत्युंजय प्रसाद, रंजीत मिश्र, राजेश्वर सिंह यादव दीपक पाण्डेय जयनारायण सिंह, मनोज सिंह, हर्षदा चौबे,उषा कुमारी श्वेता सिंह,प्रचार-प्रसार विभाग से अभिषेक पाठक,राजकुमार सिंह सहित सभी आचार्य-आचार्या उपस्थित थे.
इसे भी पढ़ें : जमशेदपुर : सफलता के सफर में अपने माता-पिता, भाई-बहन, दोस्त-रिश्तेदार और अपने कर्मचारियों को साथ लेकर चलें : डॉ श्वेताभ सुमन