समान होगी दिन और रात की अवधि
आदिवासियों के उन्नत खगोलीय व गणितीय ज्ञान से जुड़ा है विषुभ : शुभाशीष दास
Amarnath Pathak
Hazaribagh : 21 मार्च यानी मंगलवार को अद्भुत खगोलीय घटना होगी. हजारीबाग से करीब 15 किमी दूर बड़कागांव के पकरी बरवाडीह मेगालिथ साइट से शून्य डिग्री पर इस दिन खूबसूरत सूर्योदय का नजारा देखने के लिए खगोलप्रेमी उतावले हैं. दरअसल 21 मार्च को दिन और रात की अवधि 12-12 घंटे समान रूप से बीतेगी. 22 मार्च से सूर्य उत्तरी गोलार्द्ध में कर्क रेखा की ओर प्रवेश करता दिखेगा. यह जानकारी देते हुए हजारीबाग के नबावगंज निवासी मेगालिथ एक्सपर्ट शुभाशीष दास ने बताया कि इस खगोलीय घटना को समदिवारात्रि या विषुभ (इक्वीनोक्स) कहते हैं. पकरी बरवाडीह में ‘वी’ आकार के दो महापाषाणों के बीच से सूर्य शून्य डिग्री पर सटीक पूर्व में बीचोबीच उदित होता दिखाई देगा. वैसे सूर्य मंगलवार की अहले सुबह 2:54 बजे शून्य डिग्री पर चला जाएगा. हजारीबाग में सुबह 5:52 बजे खगोलप्रेमी इस मनोरम और अद्भुत सूर्योदय के दर्शन का लुत्फ उठा पाएंगे. शुभाशीष दास ने बताया कि साल में दो बार 21 मार्च और 23 सितंबर को समदिवारात्रि का यह नजारा यहां से दिखाई देता है. भारत में इन दो दिनों इक्वीनोक्स की खगोलीय घटना देखने का एकमात्र स्थल पकरी बरवाडीह में है. विदेशों में इंग्लैंड के न्यूग्रेंज और हेरेंज में इक्वीनोक्स के सूर्योदय को देखने के लिए लाखों खगोलप्रेमी जुटते हैं. 23 वर्ष पहले उन्होंने इस स्थल की खोज की थी. यह स्थल आदिवासियों के अध्यात्म और उन्नत खगोलीय व गणितीय गणना से जुड़ा है. करीब 10 हजार वर्ष पूर्व तब कैलेंडर नहीं हुआ करते थे और आदिवासी सटीक गणतीय गणना कर अवधि पता करते थे.

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विश्वप्रसिद्ध स्थल को विकसित करने की वकालत
इक्वीनोक्स के इस विश्वप्रसिद्ध स्थल को विकसित करने की जरूरत है. राज्य सरकार ने इसे प्रारंभिक विद्यालयों के टेक्सटबुक में भी शामिल किया है. इस स्थल को देखने के लिए इंग्लैंड के प्रख्यात मेगालिथ एक्सपर्ट एंटनी रॉबर्ट क्रेरार, जर्मनी ड्रेसडेन म्यूजियम की डायरेक्टर मिस लीडिया समेत कई विशेषज्ञ आ चुके हैं.
खतरे में धरोहर, संरक्षण की जरूरत : अभिषेक मिश्र

धरोहर एन अमेचर्स क्लब हजारीबाग के अध्यक्ष अभिषेक मिश्र ने कहा कि विश्वप्रसिद्ध यह धरोहर खतरे में है. कोयला उत्खनन के बाद इस स्थल का अस्तित्व खत्म होने की कगार पर है. इसे संरक्षित करने की जरूरत है. सरकार, जिला प्रशासन और एनटीपीसी जैसी कंपनियों को चाहिए कि इस जगह को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करें.

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