– पलामू प्रक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक और एसपी लातेहार के समक्ष किया आत्मसमपर्ण
– पूर्व में माओवादी संगठन में रह चुका है, चर्चित कटिया मुठभेड़ में था शामिल दशरथ उरांव
Ashish Tagore
Latehar: प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन टीएसपीसी का सब जोनल कमांडर दशरथ उरांव उर्फ रौशन जी ने सोमवार को पुलिस के समक्ष आत्मसमपर्ण कर दिया. सरकार ने उस पर पांच लाख रूपये का इनाम रखा था. पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सभागार में पलामू प्रक्षेत्र के आईजी राजकुमार लकड़ा व पुलिस अधीक्षक अंजनी अंजन के समक्ष उसने आत्मसमपर्ण किया. मौके पर सीआरपीएफ 11वीं बटालियन के कमाडेंट वीके त्रिपाठी व द्वितीय कमान अधिकारी विनोद कनौजिया एवं सीआरपीएफ 214 बटालियन के कमांडेंट केडी जोशी व द्वितीय कमान अधिकारी अभिनव आंनद मुख्य रूप से मौजूद थे. आईजी व एसपी समेत अन्य पुलिस अधिकारियों ने दशरथ उरांव उर्फ रौशन जी को शॉल व बुके भेंट कर समाज के मुख्यधारा में लौटने पर बधाई दी. उसे पांच लाख रूपये का प्रतीकात्मक चेक प्रदान किया गया. मौके पर दशरथ उरांव उर्फ रौशन जी के परिजन भी मौजूद थे. आईजी राजकुमार लकड़ा ने अन्य सभी माओवादी एवं उग्रवादियों से आत्मसमपर्ण कर समाज के मुख्यधारा में जुड़ने की अपील की.
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परिवार वालों ने सरेंडर करने के लिए प्रेरित किया : दशरथ उरांव
दशरथ उरांव उर्फ रौशन जी ने सरेंडर करने के बाद पत्रकारों को बताया कि परिवार वालों ने उसे सरेंडर करने के लिए प्रेरित किया. इसके अलावा पुलिस अधीक्षक अंजनी अंजन व अन्य पुलिस पदाधिकारियों ने सरेंडर करने के लिए प्रस्ताव भेजा था. बाद में वह सरकार की आत्मसपर्ण एवं पुनर्वास नीति से प्रभावित हो कर पुलिस के समक्ष सरेंडर किया. उसके दस्ते के अनिल उरांव ने भी पुलिस के समक्ष सरेंडर किया था और अभी जेल से बाहर निकला है. दशरथ उरांव के दो बेटे हैं जिसमें एक रांची मे कॉलेज में पढ़ता है.
आक्रमण गंझू के दस्ता में शामिल था दशरथ उरांव
दशरथ उरांव उर्फ रौशन जी टीएसपीसी के रिजनल कमांडर आक्रमण गंझू के दस्ते में सब जोनल के पद पर था. टीएसपीसी उग्रवादी संगठन में रह कर उसने कई नक्सली घटनाओं को अंजाम दिया है. उसके उपर लातेहार, चंदवा, हेरहंज व मनिका, टंडवा व कुंदा थाना क्षेत्रों में 59 मामले विभिन्न संगीन धाराओं में दर्ज हैं.
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माओवादी संगठन में रह चुका है, कटिया मुठभेड़ में था शामिल
टीएसपीसी में जाने से पूर्व दशरथ उरांव उर्फ रौशन जी माओवादी संगठन में था. वह माओवादी सुप्रीमो बड़ा विकास व नीतीश के दस्ते में सब जोनल कमांडर के पद पर था. माओवादियों में रहते हुए उसने वर्ष 2013 में चर्चित कटिया मुठभेड़ समेत अन्य कई बड़ी नक्सली घटनाओं को अंजाम दिया था. बता दें कि कटिया मुठभेड़ काफी चर्चित हुआ था. सात जनवरी 2013 को तत्कालीन बरवाडीह थाना क्षेत्र के गणेशपुर पंचायत के कटिया के जंगल में माओवादी एवं पुलिस के बीच भीषण मुठभेड़ हुई थी. इस मुठभेड़ में दस जवान शहीद हो गये थे. माओवादियों ने एक जवान के शव में आइडी प्लांट कर दिया था. रांची रिम्स में पोस्टमार्टम के दौरान इसका खुलासा हुआ था.
इन पुलिस पदाधिकारियों ने सरेंडर के लिए किया प्रेरित
दशरथ उरांव उर्फ रौशन जी को सरेंडर करने के लिए एसडीपीओ संतोष कुमार मिश्र व अजीत कुमार, पुलिस निरीक्षक लातेहार अंचल बबलू कुमार, चंदवा थाना प्रभारी अमीत कुमार गुप्ता, पुनि शशिरंजन कुमार, लातेहार थाना प्रभारी चंद्रशेखर चौधरी, हेरहंज थाना प्रभारी शुभम कुमार, बालूमाथ थाना प्रभारी प्रशांत कुमार, बारियात थाना प्रभारी मुकेश चौधरी, छिपादोहर थाना प्रभारी अभिषेक कुमार, पुअनि धमेंद्र महतो व रंजीत राम ने प्रेरित किया.