LagatarDesk : रूस और यूक्रेन जंग का आज 21वां दिन है. दुनियाभर में रूस की निंदा हो रही है. इस युद्ध के कारण दुनियाभर की अर्थव्यवस्था चरमरा गयी है. इन सब के बीच एक रिपोर्ट सामने आयी है. रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि रूस-यूक्रेन जंग में अमेरिका की बल्ले-बल्ले हो गयी है. अमेरिकी रक्षा कंपनियां हथियारों की आपूर्ति करके अरबों डॉलर कमा रही हैं. वहीं चीन की भी चांदी हो गयी है.
रक्षा के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर हो रहा खर्च
रिपोर्ट की मानें तो जंग से रक्षा के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर खर्च हो रहा है. यूरोपीय यूनियन ने 45 करोड़ यूरो के हथियार खरीदकर यूक्रेन को देने का ऐलान किया है. दूसरी तरफ अमेरिका ने कहा है कि यूक्रेन को वो 35 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त सैन्यर सहायता देगा. जिसका फायदा अमेरिका को हो रहा है.
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दुनिया के हथियार बाजार पर अमेरिका का कब्जा
हथियार उद्योग की बात करें तो अमेरिका दुनिया में सबसे आगे है. साल 2016 से 2020 तक के बीच में दुनिया में कुल बिके हथियारों में से 37 फीसदी अमेरिका ने बेचा था. इसके बाद रूस का 20 फीसदी, फ्रांस 8 फीसदी, जर्मनी 6 और चीन 5 फीसदी पर था.
तुर्की भी यूक्रेन को दे रहा है ड्रोन विमान
इन देशों के अलावा भी कई देश हैं जो इस जंग से कमाई कर रहे हैं. इसमें तुर्की सबसे आगे है. जो रूस की चेतावनी के बाद भी यूक्रेन को अपने घातक हमलावर ड्रोन विमान दे रहा है. इससे उसका हथियार उद्योग चमक गया है. इसके अलावा इजरायल का रक्षा उद्योग जमकर कमाई कर रहा है.
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अमेरिका और अन्य नाटो देशों ने बड़े पैमाने पर यूक्रेन को दिया हथियार
यूक्रेन में रूस के खिलाफ विद्रोही गुट को पैदा करने के लिए ब्रिटेन, ऑस्ट्रेालिया, तुर्की और कनाडा के नेतृत्व में एक अंतरराष्ट्रीय गठबंधन बन रहा है. इन सब फैसलों से दुनिया की दिग्गज हथियार निर्माता कंपनियों की चांदी हो गयी है. अमेरिकी कंपनी रेथियान स्टिंगर मिसाइल बनाती है. इसके अलावा रेथियान लॉकहीड मॉर्टिन के साथ मिलकर जेवलिन एंटी टैंक मिसाइल बनाती है. जिसे अमेरिका और अन्य नाटो देशों ने बड़े पैमाने पर यूक्रेन को दिया है.
लॉकहीड और रेथियान निवेशक हुए मालामाल
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से ही लॉकहीड के शेयर के दाम 16 प्रतिशत बढ़ा है. वहीं रेथियान के शेयरों में 3 फीसदी की तेजी आयी है. इसके अलावा ब्रिटेन की कंपनी बीएई सिस्टम के शेयरों में 26 फीसदी की मजबूती आयी है. जिससे इन कंपनियों के निवेशकों की अच्छी कमाई हो रही है.
अमेरिकी प्रतिबंधों से चीन की चांदी-चांदी
रूस को अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण चीन की शरण में जाना पड़ सकता है. जिससे वह बीजिंग का जूनियर पार्टनर बन जायेगा. इसके अलावा चीन अब खाड़ी देशों में हथियारों की बिक्री को बढ़ा सकता है. हाल ही में चीन को यूएई से एक बड़ा ऑर्डर मिला है. जंग से यूक्रेन और रूस तो तबाह हो रहे हैं. लेकिन पश्चिमी देशों और चीन की बल्ले-बल्ले हो गयी है.
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