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Washington : अमेरिका दिवालिया (Default) होने से बच गया है. खबर है कि अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने बुधवार को ट्रेजरी द्वारा निर्धारित समय सीमा से पांच दिन पूर्व ही कर्ज की सीमा बढ़ाने का बिल पास कर दिया है. बता दें कि पांच जून अमेरिका में कर्ज की लिमिट बढ़ाने के लिए अंतिम तिथि थी. कर्ज की लिमिट नहीं बढ़ायी जाती तो अमेरिका इतिहास में पहली बार दिवालिया हो जाता. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करेंगे
US House of Representatives passes Bill to raise debt ceiling
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— ANI Digital (@ani_digital) June 1, 2023
दोनों पार्टियों के अधिकतर सदस्यों ने इस बिल को सपोर्ट किया
फॉक्स न्यूज के अनुसार राष्ट्रपति जो बिडेन और हाउस स्पीकर केविन मैककार्थी के बीच कर्ज लिमिट डील पर चर्चा हुई थी. इस क्रम में दिवालिया होने से कुछ दिन पहले कांग्रेस ने यह बिल पास कर दिया. दोनों पार्टियों के अधिकतर सदस्यों ने इस बिल को सपोर्ट किया. डेमोक्रेट्स ने इस बिल को 165-46 से, जबकि रिपब्लिकन्स ने इस बिल को 149-71 वोटों से समर्थन किया.
अमेरिकी संसद ने कानून बनाकर कर्ज लेने की सीमा तय की है
अमेरिका की सरकार कानूनी रूप से अपने खर्चों और दायित्वों को पूरा करने के लिए कर्ज लेती है. हालांकि अमेरिकी संसद ने कानून बनाकर कर्ज लेने की सीमा (Debt Ceiling) तय की है. अमेरिकी संविधान के तहत कांग्रेस (संसद) को सरकारी खर्च को नियंत्रित करने का अधिकार मिला हुआ है. बिना कांग्रेस की मंजूरी लिये सरकार तय ऋण सीमा से अधिक कर्ज नहीं ले सकती.
प्रतिनिधि सभा में विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत है
अमेरिका की प्रतिनिधि सभा की बात करें तो वहां विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत है. बताया जाता है कि रिपब्लिकन पार्टी के सांसद ऋण सीमा को बढ़ाने के पक्ष में नहीं थे. इस वजह से विवाद बना हुआ था. कर्ज की लिमिट नहीं बढ़ाये जाने पर अमेरिका का खजाना खाली हो सकता था. इस कारण अमेरिका के दिवालिया होने का खतरा था. ऐसा होने पर अमेरिका सहित पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था पर असर पड़ना तय था.
अंबानी-अडानी के पास अमेरिका से ज्यादा धन
ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार दुनिया में 31 अरबपतियों के पास अमेरिका के नकद भंडार से ज्यादा दौलत है. भारत के अरबपति मुकेश अंबानी और गौतम अडानी की संपत्ति की बात करें तो यह अमेरिका के नकद भंडार (US Cash Reserves) से अधिक है. 25 मई के आंकड़े पर नजर डालें तो अमेरिकी ट्रेजरी के पास केवल 38.8 अरब डॉलर ही नकद बचे थे.
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