Ranchi : दीवाली और काली पूजा समाप्त हो चुका है और अब छठ महापर्व की तैयारी पूरे जोर-शोर से चल रही है. नगर निगम द्वारा छठ पूजा को देखते हुए शहर के प्रमुख तालाबों और घाटों की सफाई का कार्य कई दिनों पहले से ही शुरू कर दिया गया है. श्रद्धालुओं की सुविधा और स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रमुख छठ घाटों पर सफाईकर्मी तैनात किए गए हैं, जो लगातार सफाई कार्यों में जुटे हुए हैं.
हालांकि दीवाली और काली पूजा के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु अपनी पूजा सामग्री जैसे फूल, चुनरी, कलश आदि को तालाबों और घाटों में प्रवाहित कर रहे हैं. यह परंपरा का हिस्सा जरूर है, लेकिन नगर निगम ने इस बार हर घाट पर पूजा सामग्री प्रवाहित करने के लिए एक निश्चित स्थान निर्धारित किया है. जिससे पूरे तालाब की सफाई बनी रहे. बावजूद इसके लोग नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं और मनचाही जगहों पर सामग्री प्रवाहित कर रहे हैं.
आज शहर के बड़ा तालाब, चडरी तालाब, जेल मोड़ के समीप तालाब, करम टोली चौक तालाब और कांके डैम पर यही स्थिति देखने को मिली. जब लोगों को निर्धारित स्थान पर सामग्री विसर्जन करने की बात कही गई, तो उनका जवाब था यहां भी तो पानी ही है.
रक्षा राज्य मंत्री ने लिया जायजा
छठ पूजा स्थलों की सफाई व्यवस्था का जायजा लेने के लिए केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ आज सुबह से ही निरीक्षण पर निकले. उन्होंने बड़ा तालाब के अर्पण द्वार पर पहुंचकर श्रद्धालुओं से अपील की कि पूजा सामग्री केवल निर्धारित स्थानों पर ही प्रवाहित करें ताकि अन्य भागों में गंदगी न फैले.उन्होंने कहा कि छठ पूजा हम सभी का पर्व है. हमें इसकी गरिमा बनाए रखनी चाहिए. नगर निगम ने व्यवस्थाएं की हैं हमें सहयोग करना चाहिए.
संजय सेठ ने यह भी जानकारी दी कि छठ महापर्व को UNESCO की सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल करवाया गया है, जिससे अब पूरी दुनिया इस पर्व की महिमा और महत्व को समझेगी. उन्होंने बताया कि बड़ा तालाब में पिछले सौ वर्षों से छठ पूजा होती आ रही है और इसी को ध्यान में रखते हुए दो साल पहले लगभग 9 करोड़ रुपये की लागत से एक वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया था. लेकिन वह प्रयास पूरी तरह सफल नहीं हो सका, जिसका नतीजा है कि तालाब का पानी आज भी प्रदूषण के कारण हरा दिखाई दे रहा है.
फिर भी नगर निगम और सफाई कर्मियों की ओर से लगातार प्रयास किया जा रहा है कि छठ पूजा तक सभी घाटों को साफ-सुथरा रखा जाए और श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा न हो. संजय सेठ ने आज बड़ा तालाब, स्वर्णरेखा नदी, धुर्वा डैम, बटन तालाब और कांके डैम का भी निरीक्षण किया
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