Pramod Upadyay
Hazaribagh : सरकारी बिल्डिंग पर बंदोबस्त कार्यालय के अमीन ने अपना आशियाना बनाकर उसे किराए पर लगा दिया है. हजारीबाग एसपी कोठी के पीछे वर्ष 2009 में सात करोड़ से दो एकड़ पर बन रहा शिशु अस्पताल अधूरा रह गया. उसपर इन दिनों भू-माफिया का कब्जा हो चुका है. इस शिशु अस्पताल के निर्माण पर तत्कालीन एसपी ने सुरक्षा का हवाला देकर रोक लगा दी थी. बिल्डिंग पर भी भाग-दर-भाग कब्जा किया जा रहा है. यहां तक कि कई लोगों ने यहां अपना आशियाना भी बना लिया है और इसी खाता, प्लॉट नंबर पर बिजली का कनेक्शन भी ले रखा है.
इस खेल में बंदोबस्त कार्यालय का एक अमीन शामिल है. उसने भी अपना एक आशियाना बनाया है. कुर्सी-टेबल रखकर कार्यालय भी चलाता है एवं बंदोबस्त कार्यालय के कई दस्तावेज भी रख कर लोगों को बिल्डिंग को भाग-दर-भाग बेचने की बात कह रहा है. बिल्डिंग पर वर्षों से कई परिवार रह रहे हैं. इसमें बंदोबस्त कार्यालय के अमीन की ओर से वह भवन किराए पर उपलब्ध कराया गया है. गुरुवार की सुबह कुछ भू-माफिया हड़पने के ख्याल से आपस में ही भवन का बंटवारा करने लगे. उसके बाद स्थानीय लोगों ने पत्रकारों को इसकी जानकारी दी, जिसमें कई लोगों ने बताया कि यह अमीन की ओर से रहने के लिए दिया गया है और इसमें वे लोग तीन साल से रह रहे हैं. कई लोग अमीन को किराया भी देते हैं. अब वही बिल्डिंग कुछ माफिया की ओर से झाड़ी काटकर अधूरे भवन को पूरा करने में जुटे हैं. कई लोग वहां अपना कारोबार भी कर रहे हैं. गुरुवार को दर्जनों महिलाएं झाड़ी काटकर साफ-सुथरा करती दिखी. कई महिलाओं का कहना है कि वे लोग यहां अमीन के कहने पर रह रहे हैं. इसके एवज में किराया भी देते हैं.
आपस में ही भिड़े कारोबारी
व्यापारी का कहना है कि इस पर उनलोगों ने पहले कब्जा किया था. बाद में आए व्यापारियों को वहां से हटाया जा रहा है. कई व्यापारी इस बात पर अड़े हैं कि वहां किराया देकर रह रहे हैं. इतना ही नहीं किराए के मकान में कुछ काम भी करवा चुके हैं. उसमें उनका पैसा खर्च हुआ है. ऐसे में उनसे मकान खाली कैसे करवा लिया जाएगा.
क्या कहते हैं अमीन
हालांकि इस संबंध में बंदोबस्त कार्यालय के अमीन से पूछे जाने पर कहा कि उन्होंने अपना कार्यालय बनाया था और बिजली कनेक्शन लिया था. उन्होंने मैनेज करने की बात कहते हुए बताया कि अगर किसी को आपत्ति है, तो वह खाली कर देंगे.
मामला संज्ञान में नहीं था, जांच होगी : एसडीओ
सदर एसडीओ विद्याभूषण ने कहा कि मामला संज्ञान में नहीं था. अब जानकारी मिली है, तो मामले की जाच होगी.
क्या कहते हैं सिविल सर्जन
इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ. सरयू प्रसाद सिंह ने बताया कि वहां दो एकड़ पर लगभग सात करोड़ की लागत से शिशु एवं प्रसूति अस्पताल बनाया जा रहा था. लेकिन तत्कालीन एसपी ने सुरक्षा का हवाला देकर उसके निर्माण पर रोक लगा दी थी. अगर यह अस्पताल बनता, तो महिलाओं एवं बच्चों के इलाज में काफी सहूलियत होती. साथ ही मेडिकल कॉलेज पर दबाव घटता. अब जानकारी मिली है कि वहां माफिया कब्जा कर रहे हैं, तो डीसी से शिकायत की जाएगी. वहीं इस संबंध में डीसी का पक्ष जानने के लिए उनसे संपर्क करने की कोशिश की गई, मगर संपर्क नहीं हो पाया.
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