New Delhi : कर्नाटक में हिजाब को लेकर शुरू हुआ विवाद पूरे देश में चर्चा का विषय बन चुका है. मामला फिलहाल कर्नाटक हाईकोर्ट में है. इस बीच सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह से हिजाब को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि कोर्ट का फैसला आने के बाद देश की समस्त जनता को उस निर्णय को स्वीकार करना चाहिए. अमित शाह ने कहा, ”मेरा मानना है कि सभी धर्म के लोगों को स्कूल की यूनिफार्म और ड्रेस कोड को अपनाना चाहिए व इसका पालन करना चाहिए. देश संविधान के आधार पर चलेगा.’
कर्नाटक हाईकोर्ट में हिजाब को लेकर सुनवाई
सोमवार को भी कर्नाटक हाईकोर्ट में हिजाब को लेकर सुनवाई हुई. इस दौरान राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में कहा कि हिजाब एक आवश्यक धार्मिक परंपरा नहीं है और धार्मिक निर्देशों को शैक्षणिक संस्थानों के बाहर रखना चाहिए. सरकार ने कहा कि हिजाब मामले में याचिकाकर्ता न सिर्फ इसे पहनने की अनुमति मांग रही हैं, बल्कि यह घोषणा भी चाहती हैं कि इसे पहनना इस्लाम को मानने वाले सभी लोगों पर धार्मिक रूप से बाध्यकारी है.
हिंदू विद्यार्थियों ने भगवा ‘स्कार्फ’ पर जोर दिया
बता दें कि हिजाब विवाद शैक्षणिक संस्थानों में उस वक्त तनाव का कारण बन गया, जब कुछ छात्राओं ने इसे कक्षाओं के अंदर पहनने की अनुमति मांगी, जबकि हिंदू विद्यार्थियों ने भगवा ‘स्कार्फ’ पर जोर दिया. हाल में राज्य के उडुपी में एक कॉलेज की छह छात्राएं कैम्पस फ्रंट ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित संवाददाता सम्मेलन में शामिल हुई थीं. इसका आयोजन, कक्षा में हिजाब पहन कर प्रवेश की अनुमति देने से कॉलेज प्रशासन के मना करने के विरोध में किया गया था.
हिजाब पहन कर कक्षा में आने देने की अनुमति मांगी थी
इस घटना से चार दिन पहले, उन्होंने प्राचार्य से हिजाब पहन कर कक्षा में आने देने की अनुमति मांगी थी. लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी गई. कॉलेज के प्राचार्य रुद्रे गौड़ा ने कहा था कि अब तक छात्राएं हिजाब पहन कर परिसर में पहुंचती थीं, लेकिन कक्षाओं में जाने से पहले उसे हटा देती थीं.
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