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अमित शाह का इंटरव्यू : रिस्क लेकर फैसला करते हैं मोदी, लक्ष्य है देश को बदलना,  तानाशाही की बातें निराधार

NewDelhi :  सत्ता के गलियारों में  शीर्ष पदों पर पीएम  मोदी के 20 साल पूरे हो गये. इसे लेकर  केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सरकारी न्यूज चैनल संसद टीवी को आज एक विशेष इंटरव्यू दिया. अपने इंटरव्यू में अमित शाह ने पीएम मोदी से जुड़ी कई बातें साझा की. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का जीवन सार्वजनिक रहा है. पीएम मोदी ने प्रशासन की बारीकियों से समझा है. प्रधानमंत्री मोदी के जीवन में आयी चुनौतियों के सवाल पर शाह ने कहा, उनके सार्वजनिक जीवन के तीन हिस्से किये जा सकते हैं. कहा कि भाजपा में आने के बाद का उनका पहला कालखंड संगठनात्मक काम का था. दूसरा कालखंड उनके मुख्यमंत्रित्व काल का रहा और तीसरा राष्ट्रीय राजनीति में आकर प्रधानमंत्री बने. इसे भी पढ़ें : वाराणसी">https://lagatar.in/a-direct-challenge-to-pm-modi-in-varanasi-today-priyanka-gandhis-kisan-nyay-rally/">वाराणसी

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यूपीए की सरकार के समय में हर क्षेत्र में देश नीचे जा रहा था

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, यूपीए की सरकार के समय में हर क्षेत्र में देश नीचे जा रहा था. दुनिया में देश का कोई सम्मान नहीं था.  सरकार की आंतरिक कलह में महीनों तक नीतिगत फैसले उलझते रहते थे. कहा कि  एक मंत्री   तो 5 साल तक कैबिनेट में नहीं आ.. ऐसे माहौल में उन्होंने (मोदी) देश के प्रधानमंत्री का पद संभाला. उसके बाद से सारी व्यवस्थाएं अपनी जगह पर सही हो रही हैं. उन्होंने कहा, मोदी जी जोखिम लेकर फैसले करते हैं यह बात सही है. हमारा लक्ष्य देश में परिवर्तन लाना है. 130 करोड़ की आबादी वाले विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र को दुनिया में एक सम्मानजनक स्थान पर पहुंचाना है. इस क्रम में  पीएम द्वारा नोटबंदी, GST आदि फैसलोंं का जिक्र किया. इसे भी पढ़ें : फोन">https://lagatar.in/phone-tapping-case-mumbai-police-summons-cbi-director-orders-him-to-appear-on-october-14/">फोन

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राजनीतिक इच्छाशक्ति के कारण देश की सुरक्षा चाक-चौबंद हुई

शाह ने कहा,  दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति के कारण देश की सुरक्षा भी चाक-चौबंद हुई. कभी कोई कल्पना नहीं कर सकता था कि भारत एयर स्ट्राइक या सर्जिकल स्ट्राइक कर सकता है. कभी नहीं सोच सकता था कि कोई प्रधानमंत्री कहेगा कि भारत में 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनने की क्षमता है. हम 11 नंबर से 6वें नंबर की अर्थव्यवस्था बन चुके हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने इन तीनों चैलेंज का सामना किया है और ये उनकी लीडरशिप की बहुत बड़ी क्वालिटी है.

मैंने मोदी जैसा श्रोता देखा ही नहीं है

डिक्टेटरशिप के सवाल पर अमित शाह ने कहा,  मैंने उन्हें नजदीक से काम करते देखा है. लोगों के आरोप बिल्कुल बेबुनियाद हैं. मैंने मोदी जैसा श्रोता देखा ही नहीं है. कोई भी बैठक हो, वे कम से कम बोलते हैं और बहुत धैर्य से सुनते हैं और फिर उचित निर्णय लेते हैं. कई बार तो हमें भी लगता है कि क्या इतना सोच-विचार चल रहा है. लेकिन वे सबकी बात सुनते हैं और छोटे से छोटे व्यक्ति के सुझाव को गुणवत्ता के आधार पर महत्व देते हैं. यह  कह देना कि मोदी निर्णय थोंप देने वाले नेता है, इसमें जरा भी सच्चाई नहीं है. इसे भी पढ़ें :  अयोध्‍या">https://lagatar.in/ayodhya-ramlala-will-be-seated-in-his-own-temple-in-december-2023/">अयोध्‍या

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फैसले तो वही करेंगे, जनता ने उन्हें अधिकार दिया है

इस तरह का परसेप्शन बनने के सवाल पर उन्होंने कहा,  जानबूझकर ऐसा परसेप्शन बनाया जाता है. फोरम में जो डिस्कशन हुआ वो बाहर नहीं आता है. तो लोगों को लगता है कि फैसला मोदीजी ने ले लिया. जनता को, पत्रकारों को भी नहीं मालूम होता कि ये फैसला सामूहिक चिंतन से लिया गया है श्री शाह ने कहा कि स्वाभाविक है कि फैसले तो वही करेंगे, जनता ने उन्हें अधिकार दिया है. लेकिन सबके साथ चर्चा करके, सबको बोलने का मौका देकर, सबके माइनस-प्लस पॉइंट सुनकर, ये फैसले होते हैं. उन्होंने कहा, `कुछ लोग जो हमारे वैचारिक विरोधी हैं. वो सच कुछ भी हो, लेकिन सच को तोड़-मरोड़कर लोगों के सामने कैसा रखना है, उसकी कोशिश करते हैं. हमारी छवि  दूषित करने की भी कोशिश होती है.

गुजरात में भाजपा को मोदी ने खड़ा किया

गुजरात को लोकर अमित शाह ने कहा कि मोदी को भाजपा में  संगठन मंत्री बनाया गया. कहा कि उस समय भाजपा की स्थिति गुजरात में खस्ताहाल थी. देश भर में भाजपा में  दो सीटें आयी थीं. ऐसे में मोदी को संगठन मंत्री बनाया गया.  1987 से उन्होंने संगठन को संभाला. शाह  ने कहा कि 1987 के बाद अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन क चुनाव आया. पहली बार भाजपा अपने बूते पर कॉर्पोरेशन में सत्ता में आयी. 1995 में गुजरात में पूर्ण बहुमत में आये और वहां से भाजपा ने आजतक पीछे मुड़कर नहीं देखा है.`

गुजरात के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने प्रशासन की बारीकियों को समझा

उन्होंने कहा, दूसरा बड़ा चैलेंज तब आया जब वो मुख्यमंत्री बने. मैं साबरमती विधानसभा से आता हूं, वहां से भी हम हार गये थे. गुजरात में बड़ा भूकंप आया था. सारे चुनाव कांग्रेस जीत गयी थी. 70 के दशक के बाद पहली बार भाजपा राजकोट म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन में हारी थी, अहमदाबाद म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन हम 1987 के बाद पहली बार हारे.` उन्होंने कहा, `पीएम मोदी को प्रशासन को कोई अनुभव नहीं था, लेकिन गुजरात के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने प्रशासन की बारीकियों को समझा. योजनाएं बनाईं और योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने का काम किया. और ऐसा लगता था कि जो भूकंप भाजपा के लिए धब्बा बन जायेगा. लेकिन भूकंप के समय काम की पूरी दुनिया में सराहना हुई. [wpse_comments_template]

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