Jamtara: मीठी सेवई का त्यौहार कहा जाने वाला ईद की खुशियों में सेवई न हो ऐसा हो नहीं सकता.जामताड़ा के कारीगर हाथ लच्छा सेवई बनाने में जी जान से जुटें हैं. मशीन का लच्छा व नामी कंपनियों की सेवई के बीच हाथ से बनाई गई लच्छा सेवई की डिमांड काफी ज्यादा है. कारीगरों के सधे हाथों का कमाल है कि जामताड़ा में निर्मित लच्छा सेवई की मांग दूर तक है. कबीर अंसारी ने बताया कि कार्य लगातार जारी है ताकि दुकानों में समय पर हाथ से बने लच्छा सेवई को उपलब्ध कराया जा सके. यहां के लच्छा की खास बात यह है कि यह काफी हल्की व मशीनी लच्छा से बेहतर होता है. कारीगरों का कहना है कि शुद्ध घी, वनस्पति तेल व रिफाइन का इस्तेमाल कर बिना आर्टिफिशियल रंग के इसे बनाया जाता है.जिसकी वजह से यह दो माह तक खराब नहीं होता है.जामताड़ा जिले के हाथों से बना लच्छा सेवई ही लोगों की पहली पसंद है. वैसे भी ईद में सेवई खाने और खिलाने का पारंपारिक रिवाज रहा है.
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