Ranchi: बीते नौ जनवरी को महाराष्ट्र के भंडारा जिला अस्पताल की विशेष नवजात देखभाल इकाई में लगी आग में 10 नवजातों की मौत हो गई थी. एक से तीन महीने के 17 शिशु उस वक्त वार्ड में भर्ती थे. वहीं, 25-26 मार्च की रात को मुंबई के ड्रीम्स मॉल में आग लग गई थी. इसकी तीसरी मंजिल पर कोविड का अस्पताल था. 40 घंटे तक आग लगी रही. आग में नौ लोगों की मौत हो गई थी. इनमें वेंटिलेटर पर रखे गए मरीज भी शामिल थे. मुंबई के ही विरार में 22 अप्रैल को कोविड अस्पताल के आईसीयू वार्ड में आग लगने से 13 लोगों की मौत हो गई. यह सारी घटना भयावह और डराने वाली है. शुक्र है कि झारखंड के किसी अस्पताल से ऐसी घटना की खबर अभी तक नहीं आयी है. अस्पतालों पर कोरोना की वजह से लोड बढ़ा है, अस्पताल में उपकरणों का बोझ बढ़ा है. खासकर रांची के कई अस्पतालों में मुंबई की घटना दोहराए जाने की प्रबल आशंका है.
रिम्स, सदर और कई निजी अस्पतालों में खतरे की घंटी
रांची जिला प्रशासन की तरफ से उन सभी अस्पतालों की लिस्ट जारी की गयी है, जहां कोविड सेंटर बना हुआ. लगातार ने उन सभी अस्पतालों की सूची निकाली. फरवरी महीने में जिला प्रशासन की ही तरफ से अग्निशमन विभाग की तरफ से रांची के तमाम अस्पतालों का सर्वे कराया गया था. रांची के करीब तीन 200 अस्पतालों में यह हुआ. सर्वे रिपोर्ट और रांची के कोविड अस्पतालों की मिलान से चौंकाने वाली बात सामने आ रही है.
रांची में 18 ऐसे कोविड अस्पताल हैं, जिन्हें अग्निशमन विभाग की तरफ से एनओसी जारी नहीं किया गया है. इसका मतलब कि ये अस्पताल फायर सेफ्टी के नियम के मुताबिक नहीं चल रहे हैं. यहां आग लगने का खतरा हर वक्त बना हुआ है. कई अस्पतालों में फायर फाइटिंग के नाम पर गैस सिलेंडर दीवारों पर टंगे मिल जाएंगे. लेकिन असल में यह एक तरह का दिखावा है. सभी सिलेंडर एक्सपायर कर गए हैं. कुछ गिने-चुने बड़े निजी अस्पतालों को छोड़ दिया जाए तो रांची के कई कोविड अस्पतालों में आग लगनी की बड़ी घटना घट सकती है.
जानें किस अस्पताल को अग्निशमन विभाग ने दी है एनओसी
- अस्पताल का नाम एनओसी
- राज अस्पताल हां
- ऑर्किड हां
- सैमफोर्ड हां
- गुरुनानक नहीं
- आलम नर्सिंग होम हां
- सेंटाविटा हां
- सेवा सदन नहीं
- लेक व्यू नहीं
- मेदांता हां
- पारस एडवायजरी निर्गत है
- सीएचसी अनगड़ा नहीं
- सीएचसी सिल्ली नहीं
- सदर, रांची नहीं
- रिम्स नहीं
- गांधीनगर सीसीएल नहीं
- खेलगांव नहीं
- हेल्थ प्वाइंट नहीं
- प्लस हां