Jamshedpur : आनंदमार्गियों ने सोमवार को वेब टेलीकास्ट के माध्यम से कौशिकी दिवस मनाया. कौशिकी नृत्य पर आचार्य सत्याश्रयानन्द अवधूत ने कहा कि भगवान आनंदमूर्ति कौशिकी नृत्य के जन्मदाता हैं. यह नृत्य शारीरिक और मानसिक रोगों की औषधि है. विशेषकर महिला जनित रोगों के लिए रामबाण है. इस नृत्य के अभ्यास से 22 रोग दूर होते हैं. सिर से पैर तक अंग-प्रत्यंग और ग्रंथियों का व्यायाम होता है.
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इससे मनुष्य के शारीरिक एवं मानसिक रोग दूर होते हैं. यह नृत्य मन से भय की भावना को दूर करके मन में साहस जगाता है. निराशा को दूर करता है. अपनी अभिव्यंजना क्षमता और दक्षता की वृद्धि में भी सहायक है. इस नृत्य से रीढ़ में दर्द, अर्श, हर्निया, हाइड्रोसिल, स्नायु यंत्रणा,और स्नायु दुर्बलता दूर होती है. किडनी, गॉलब्लाडर, गैस्ट्राइटिस, डिस्पेप्सिया, एसिडिटी, डिसेंट्री, सिफलिस, स्थूलता, कृशता और लीवर की त्रुटियों को दूर करने में सहायता प्रदान करता है. इस नृत्य की खासियत यह है कि 75 से 80 वर्ष की उम्र तक शरीर की कार्यदक्षता को बनाए रखता है.