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हाथ में डंडा लेकर रॉयल बंगाल टाइगर से भिड़ गई नमिता
सुंदरबन के सत्यदासपुर की नमिता पति के साथ गई थी केकड़ा मारने
अचानक बंगाल टाइगर ने हमला कर पति को लिया था दबोच
लगातार चोट से घायल बाघ, नमिता के पति को छोड़कर भाग गया
Sundarbans (West Bengal) : पश्चिम बंगाल के सुंदरबन इलाके में आए दिन रॉयल बंगाल टाइगर (बाघ) ग्रामीणों पर हमला करते रहते हैं. कई लोगों की बाघों के हमले में जान भी चली जाती है. बहुत लोगों ने बाघ के हमलों में अपनों को खोया है. लेकिन सुंदरबन के सत्यदासपुर की 45 साल की नमिता अपने पति की जान बचाने के लिए बाघ पर कूद पड़ी. डंडों से बाघ को इतना मारा कि वह उसके पति को छोड़कर भागने के लिए विवश हो गया. आज की सावित्री की इस बहादुरी की चर्चा इस समय लोगों की जुबान पर है. हर कोई नमिता के हौसले को सलाम कर रहा है.
अंग्रेजी दैनिक इंडियन एक्सप्रेस में मंगलवार को छपी खबर के मुताबिक, नमिता ने देखा कि सुंदरबन का रॉयल बंगाल टाइगर उसकी आंखों के सामने से उसके पति को खींच रहा है. इस पर नमिता हाथ में डंडा लेकर बाघ से भिड़ गई. आम तौर पर जो लोग केकड़ों की तलाश में बाघों की मांद में जाते हैं, उनके हाथ में यही हथियार होता है. नमिता उस डंडे को लेकर बाघ पर कूद पड़ी. एक ओर 170-180 किलो का बाघ था और दूसरी तरफ एक पतली, झुकी हुई और फटी साड़ी पहने नमिता. वह छड़ी वाली ‘देवी दुर्गा’ थी. पति के शरीर पर बाघ पंजा मार रहा था. बाघ पति को खींचने की कोशिश कर रहा था और नमिता बिना देर किए डंडा लेकर उससे भिड़ गई. नमिता ने संघर्ष किया. उसे अपनी जान का डर भी नहीं था. नमिता केवल डंडा चलाती रही.
पति को खींच कर ले जा रहा था रॉयल बंगाल टाइगर
दिलू बीते शुक्रवार की सुबह सुंदरबन के बिजुआरा जंगल में केकड़ा पकड़ने गया था. तभी रॉयल बंगाल टाइगर अचानक पीछे से दिलू पर कूद पड़ा. उस समय दिलू की पत्नी नमिता नाव पर थी. पति को बाघ के चंगुल में देख नमिता नाव से कूद कर दौड़ी और बाघ से भिड़ गई. नमिता की बहादुरी बाघ पर भारी पड़ गई. पति को बचाने के बाद नमिता उसे डोंगी पर लादकर ले आई. उसे लेकर नमिता सीधे पाथरप्रतिमा ब्लॉक अस्पताल पहुंची. जहां इलाज के बाद अब दिलू की हालत स्थिर है.
क्या कहती है नमिता
नमिता को अक्षरों का ज्ञान नहीं, बोलने का ढंग समझ नहीं आता. नमिता उस अर्थ में अपने संघर्ष के बारे में बता नहीं पा रही. शायद उसे खुद समझ नहीं आ रहा कि उसने कितनी असामान्य लड़ाई जीत कर अपने पति की जान बचाई है. नमिता ने इतना ही कहा, मैंने कुछ नहीं सोचा. मैं बस डंडा मारती रही. मेरे पति के सिर से खून निकल रहा था. बाघ बार-बार हमला कर रहा था, लेकिन मैं डरी नहीं. जब बाघ भागा, तो भी मैंने उसका दूर तक पीछा किया. इसके बाद पति को डोंगी में लादा और अस्पताल लेकर पहुंची. मैं खुश हूं कि मेरे पति की जान बच गई.
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