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Ranchi : देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद द्वारा स्थापित अंजुमन इस्लामिया, रांची का विवादों से पुराना नाता रहा है. चुनावी बिगुल बज चुका है. 16 नवंबर को चुनाव प्रस्तावित है, लेकिन निवर्तमान अध्यक्ष ने मुख्य चुनाव संयोजक की नियुक्ति को ही अवैध घोषित कर दिया. इधर, मुस्लिम समाज में चुनावी सरगर्मी बढ़ने लगी है. खेमेबाजी और समर्थन टटोलने का दौर शुरू हो चुका है. इस बार कई नये चेहरे चुनावी मैदान में ताल ठोंकने को तैयार हैं.
चर्चित चेहरे भी आजमायेंगे भाग्य
मौजूदा कमेटी में अध्यक्ष मुख्तार अहमद और महासचिव डॉ मो तारिक के बीच पूरे कार्यकाल तक आरोप-प्रत्यारोप चलता रहा. कई बार समझौते की कोशिश हुई भी, लेकिन नाकाम रही. मुस्लिम समाज में इसे लेकर काफी नाराजगी है. एंटी इंकमबेंसी को भांपते हुए कई लोग समाज में अपनी संभावनाएं तलाश रहे हैं.
अध्यक्ष पद पर हिन्दपीढ़ी में सक्रिय सोशल एक्टीविस्ट की तैयारी चल रही है. वहीं एक खेमा पूर्व कमेटी में पदधारी रह चुके व्यक्ति को इस पद पर उतारने की कोशिश में है. उनके लिए समाज के रुझान की टोह ली जा रही है. सत्ता का मजा चख चुके पदधारी भी कुर्सी मोह का त्याग करने को तैयार नहीं है.
महासचिव पद पर मुस्लिम मुद्दों पर एक्टिव युवा छात्र नेता की चर्चा है. उनकी टीम ने समर्थन जुटाने को लेकर चर्चा शुरू कर दी है. पूर्व में इसी पद पर चुनाव लड़ चुके उम्मीदवार भी परिस्थिति भांप कर चुनावी मैदान में उतरेंगे. अन्य पदों को लेकर भी अलग-अलग बिरादरी के बीच समीकरण और समझौते को लेकर प्रारंभिक बातचीत शुरू हो गयी है. चुनाव करीब आने पर तस्वीर धीरे-धीरे साफ होगी.
मजलिस-ए-आमला में होंगे कई पुराने चेहरे
मसलिस-ए-आमला (कार्यकारिणी समिति) में कई पुराने चेहरे फिर से चुनावी मैदान में होंगे. कई उम्मीदवार आपस में ‘छोटी टीम’ बनाकर सिर्फ आमला के लिए जोर आजमाइश करेंगे. वे किसी टीम का हिस्सा नहीं बनेंगे, बल्कि अंदरूनी रूप से मुख्य टीमों से ‘गुप्त समझौता’ करेंगे.
वहीं कुछ संगठन अपनी बिरादरी के वोट को एकजुट करने को लेकर सजग है. आमला में बहुमत के अभाव में अंजुमन का सुचारू रूप से संचालन मुश्किल है. इस तथ्य को ध्यान में रख कर कोई भी टीम सावधानीपूर्वक आमला के सदस्यों का चयन करेगी.
चुनाव 16 नवंबर को, प्रक्रिया की घोषणा : मुख्य चुनाव संयोजक कमर सिद्दीकी ने चुनावी कार्यक्रम की घोषणा कर दी है. सोहैल अख्तर, मजहर हुसैन सहित अन्य सह संयोजक भी मौके पर मौजूद थे.
तारीखों में चुनाव कार्यक्रम
सदस्यता फॉर्म वितरण व जमा | 20 सितंबर |
सदस्यता फॉर्म की स्क्रूटनी | 21-30 सितंबर तक |
प्रारूप मतदाता सूची का प्रकाशन | 1-3 अक्तूबर |
अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन | 07 अक्तूबर |
नामांकन फॉर्म का वितरण | 9-13 अक्तूबर |
नामांकन फॉर्म जमा करने की तिथि | 10-14 अक्तूबर |
नामांकन फॉर्म की स्क्रूटनी | 15-17 अक्तूबर |
उम्मीदवारों की सूची का प्रकाशन | 18 अक्तूबर |
नाम वापसी की तिथि | 19-20 अक्तूबर |
उम्मीदवारों की अंतिम सूची | 21 अक्तूबर |
चुनाव चिन्ह का वितरण | 25 अक्तूबर |
आमला सदस्यों का चुनाव चिन्ह | 26 अक्तूबर |
चुनाव की तिथि | 16 नवंबर |
चुनाव संयोजक का चयन गलत : मुख्तार
एक तरफ चुनावी प्रक्रिया शुरू हो गयी. वहीं अध्यक्ष मुख्तार अहमद ने मुख्य चुनाव संयोजक के चयन को ही अवैध बता दिया है. उन्होंने कहा कि बिना अध्यक्ष की सहमति के मुख्य चुनाव संयोजक का चयन गलत है. बायलॉज की धारा 25 के अनुसार बैठक के लिए अध्यक्ष की अनुमति जरूरी है. उन्होंने पूर्व अध्यक्ष मो इबरार द्वारा 20 दिसंबर 2021 को इस बाबत लिखे पत्र को भी जारी किया है. मुख्तार अहमद ने सचिव मो तारिक को लिखे पत्रों को भी दिखाया. विवादों के साये में अंजुमन का चुनाव और भी रोचक बन गया है.
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