सजा का ऐलान जल्द
Uttarakhand : बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में करीब तीन साल बाद अदालत ने फैसला सुनाया है. कोटद्वार की अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने शुक्रवार को इस मामले में तीनों आरोपियों पुलकित आर्य (रिजॉर्ट मालिक) , सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को दोषी ठहराया है.
कोर्ट ने सभी आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. हालांकि पीड़ित परिवार ने सभी दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की थी.
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2022 Ankita Bhandari murder case: Three accused, Pulkit Arya, Saurabh Bhaskar, and Ankit Gupta, have been found guilty of Ankita's murder in the Additional District and Sessions Judge Court, Kotdwar, Uttarakhand. The sentence against the three accused is yet to be announced:…
— ANI (@ANI) May 30, 2025
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#WATCH | Kotdwar, Uttarakhand | Mother of Ankita Bhandari, Soni Devi, breaks down while remembering her daughter.
— ANI (@ANI) May 30, 2025
On Kotdwar court to pronounce its verdict today in the Ankita Bhandari murder case, her mother Soni Devi says, "...May the criminals be sentenced to death...I appeal… pic.twitter.com/rOxVZAMvhm
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सुनवाई को लेकर कोर्ट परिसर में कड़ी सुरक्षा
इधर हाई प्रोफाइल मामला और फैसले के मद्देनजर कोर्ट परिसर और आसपास के इलाके में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गयी है. कोर्ट परिसर के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गयी है. वहीं आम लोग भी अदालत परिसर के बाहर जुटे हैं.
क्या है अंकिता भंडारी हत्याकांड?
सितंबर 2022 में ऋषिकेश के पास स्थित पौड़ी जिले के गंगा भोगपुर में 19 वर्षीय अंकिता भंडारी वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के तौर पर काम कर रही थी. इसी दौरान उसे वीआईपी मेहमानों को “एक्स्ट्रा सर्विस” देने का दबाव बनाया गया, जिसका उसने विरोध किया. विरोध के चलते आरोपी पुलकित आर्य (रिजॉर्ट मालिक) और उसके दो कर्मचारियों ने मिलकर उसे चीला नहर में धक्का देकर मार डाला. एक हफ्ते बाद अंकिता का शव नहर से बरामद किया गया.
साढ़े दो साल की लंबी सुनवाई, SIT ने 500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की
उत्तराखंड सरकार ने मामले की जांच के लिए DIG पी. रेणुका देवी के नेतृत्व में SIT का गठन किया था. करीब 32 महीनों तक चले इस मामले में SIT ने 500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की और 97 गवाह बनाए, जिनमें से 47 ने अदालत में गवाही दी. आरोपियों ने कई अदालत में जमानत याचिका दायर की, लेकिन कोर्ट ने बार-बार याचिका खारिज कर दी. पीड़ित परिवार की मांग पर तीन बार सरकारी वकील बदले गये. इतना ही नहीं राज्य सरकार ने परिवार को 25 लाख की आर्थिक सहायता दी और अंकिता के पिता व भाई को सरकारी नौकरी भी दी गयी.