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Saurav Shukla
Ranchi : दुमका की बेटी अंकिता की मौत के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है. आरोप- प्रत्यारोप के बीच इलाज की व्यवस्था पर भी सवाल उठाये जा रहे हैं. 24 अगस्त को उसे रिम्स के बर्न वार्ड में भर्ती किया गया था. जहां इलाज के दौरान 28 अगस्त की अहले सुबह अंकिता ने अंतिम सांस ली. पुख्ता जानकारी के मुताबिक, अंकिता की मौत की बड़ी वजह सांस की नली का काम नहीं करना और किडनी का फेल होना है. साथ ही चमड़े के अंदर पस भर गया था. पोस्टमार्टम के दौरान चिरा लगाने पर सिर्फ पस का रिसाव हो रहा था.
दुमका से रिम्स रेफर करने में हुई थी देरी
वहीं रिम्स के जनसंपर्क अधिकारी डॉ राजीव रंजन की मानें तो दुमका के फूलो झानो मेडिकल कॉलेज से रिम्स रेफर करने में 24 घंटे की देरी हुई. जिस वजह से उसकी स्थिति ज्यादा खराब हो गयी थी. उन्होंने बताया कि बर्न केस के मामले में गोल्डन ऑवर काफी महत्वपूर्ण होता है. जितना जल्दी बेहतर चिकित्सा सुविधा मिलती है, जान बचाने की संभावना भी उतनी ही ज्यादा बढ़ जाती है.
65 से 70 प्रतिशत जल चुकी थी अंकिता
डॉ राजीव रंजन ने कहा कि डीप बर्न के साथ अंकिता 65 से 70 प्रतिशत तक जल चुकी थी. इस वजह से हालत गंभीर हो गयी थी. उन्होंने कहा कि 40 प्रतिशत से ज्यादा जलने से खतरा बढ़ जाता है. रिम्स लाने के बाद मेडिकल बोर्ड के डॉक्टरों ने लाइन ऑफ ट्रीटमेंट बनाकर उसका इलाज किया था. अंकिता के फेफड़े में भी इंज्यूरी हुई थी. रिम्स प्रबंधन ने इलाज करने वाले डॉक्टरों की टीम से भी बात की थी, लेकिन अचानक उसकी हालत खराब हुई और हम लोग उसे बचा नहीं सके.
अंकिता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सौंप दी गयी है
वहीं रिम्स में अंकिता के शव का पोस्टमार्टम किया गया था. पोस्टमार्टम रिम्स के फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के डॉक्टर की निगरानी में किया गया. जिसकी रिपोर्ट तैयार कर स्थानीय बरियातू थाना को भेज दी गयी थी. यहां से रिपोर्ट को दुमका नगर थाने के आईओ लेकर गए हैं.
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