- दादा के नाम पर ईश्वर दास स्मृति भवन बना कई एकड़ जमीन पर जमाया कब्जा
Pravin Kumar/ Amit Singh
Ranchi : गोड्डा के महगामा अंचल में सरकारी जमीन की अवैध जमाबंदी करानेवाले चिह्नित होंगे. अबतक प्रशासन अवैध जमाबंदी कराने वाले 208 लोगों को चिह्नित कर चुका है. प्रशासन द्वारा अवैध जमाबंदी कराने वाले लोगों को नोटिस जारी किया जा रहा है. जमीन से संबंधित दस्तावेज के साथ अंचल कार्यालय में चिह्नित लोगों को पक्ष रखने को कहा गया है. प्रशासन ने महगामा के भूमाफियाओं के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है. उपायुक्त का कहना है कि सरकारी जमीन की अवैध जमाबंदी करानेवालों को किसी बी कीमत पर नहीं बख्शा नहीं जाएगा. ऐसे लोगों के खिलाफ निश्चित कार्रवाई होगी. क्षेत्र में सक्रिय भूमाफियाओं की सूची भी प्रशासन द्वारा तैयार करायी जा रही है.
गोड्डा प्रशासन द्वारा सरकारी जमीन की अवैध जमाबंदी करानेवालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के बाद स्थानीय लोग लगातार प्रशासन को जमीन की हेराफेरी करनेवालों के बारे में जानकारियां दे रहे हैं. क्षेत्र में किस भूमाफिया ने कितनी सरकारी जमीन की अवैध जमाबंदी करायी है, जल्द इसका भी खुलासा प्रशासन द्वारा किया जाएगा. जिला प्रशासन को सूचना मिली है कि महगामा के दाग नं 425 जो कैफियत खाना में परती कदिम जमीन है, उस पर कैलाश टिवड़ेवाल ने अपने दादा के नाम पर ईश्वर दास स्मृति भवन बना दिया है. स्मृति भवन बनाकर कई एकड़ जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया है.
प्रशासन तक पहुंची ईश्वर दास स्मृति भवन की शिकायत
सरकारी जमीन पर ईश्वर दास स्मृति भवन बनाने वाला कोई और सख्श नहीं, बल्कि कैलाश टिबड़ेवाला है. उसने महगामा अंचल के तकरीबन सभी 12 मौजा में सरकारी जमीन की सबसे ज्यादा अवैध जमाबंदी करायी है. जिस जमीन पर स्मृति भवन बना है, उस जमीन का उपयोग पहले खेल मैदान के रूप में किया जाता था. खेल मैदान हड़पने के लिए कैलाश टिबड़ेवाल ने योजनावद्ध तरीके से काम किया. अंचल के अफसरों और कर्मचारियों की मिलीभगत से टिबड़ेवाल ने खेल मैदान को अपने कब्जे में ले लिया.
दास से बन गए राम, फिर टाइटल हो गया टिबड़ेवाल
जिला प्रशासन द्वारा अगर स्मृति भवन और उसकी जमीन की जांच करायी गयी, तो चौंकाने वाले खुलासे होंगे. स्थानीय लोगों के अनुसार कैलाश टिकड़ेवाल ने स्मृति भवन पर टाइटल दास लिखवाया है. कुछ दिनों बाद दास टाइटल में भी फेरबदल कर दिया. ऐसा करते हुए दास टाइटल राम अवतार राम में परिवर्तित हो गया. फिर कुछ माह बाद सरकारी जमीन की अवैध जमाबंदी कराने के उद्देश्य से राम अवतार राम का टाइटल टिबड़ेवाल में बदल गया. स्थानीय लोगों ने बताया कि टाइटल बदलने की शिकायत प्रशासन से की गयी थी, मगर प्रशासन द्वारा कैलाश टिबड़ेवाल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. वर्तमान में स्मृति भवन की देखरेख का जिम्मा दिलीप टिबड़ेवाल के पास है. स्मृति भवन का कॉमर्शियल उपयोग किया जाता है. सरकारी जमीन पर स्मृति भवन बना कर कैलाश टिबड़ेवाल, हर साल करोड़ों की उगाही कर रहा है.