Ranchi: एक और युवा पत्रकार कोरोना से जंग हार गया. आज तक के पत्रकार मृत्युंजय श्रीवास्तव की कोरोना से मौत हो गई. करीब 2 दशक से पत्रकारिता में सक्रिय मृत्युंजय पिछले कुछ दिनों से कोरोना से जंग लड़ रहे थे. जब पूरे राज्य में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा था तब मृत्युंजय पत्रकारिता का कर्तव्य निभा रहे थे. रिम्स, सदर अस्पताल समेत कई अस्पतालों में घूमकर वहां की स्थिति की रिपोर्टिंग कर रहे थे. कोरोना संक्रमितों की मदद भी कर रहे थे. इसी दौरान वे भी कोरोना संक्रमित हो गये. मृत्युंजय श्रीवास्तव की मौत के बाद राज्य के मीडिया जगत में शोक की लहर दौड़ गई है. सभी पत्रकारों फेसबुक और ट्विटर पर मृत्युंजय की मौत पर दुख जताया है.
अपने आखिरी पोस्ट में कोरोना की स्थिति पर जताई थी चिंता
मृत्युंजय ने 18 अप्रैल को फेसबुक में आखिरी पोस्ट डाला था जिसमें उन्होंने कोरोना से बिगड़ती राज्य की हालत पर चिंता जताई थी। उन्होंने लिखा- ‘’बेड के लिए लोग तड़प रहे हैं. हम जैसे छोटे लोगों के पास रोज़ाना 8-10 कॉल आ रहे है. बड़े अधिकारी भी अपनी फ़ैमिली को भर्ती कराने के लिए परेशान है. दरअसल हमलोगो की भी लिमिटेशन है. अस्पताल वालों से रिक्वेस्ट ही कर सकते है आदेश दे नही सकते. जिन लोगों को काफ़ी मशक़्क़त के बाद अस्पताल में जगह मिली है, भगवान से कामना है जल्दी स्वस्थ्य हो जायें. जो क़ोरोना का नया स्ट्रेन आया है वो काफ़ी ख़तरनाक है. पता नही दो महीने बाद हम लोग कितनो को खो चुके होंगे. घर में रहे तो ज़्यादा बढ़िया है. बहुत ज़रूरी हो तब ग्लबस, मास्क , चश्मा और सर पे सर्जिकल या दूसरी कोई टोपी पहनकर ही बाहर निकले. भगवान से यही कामना है लोगों की जान अब मत कीजिए. रोज़ सैकड़ों बच्चे अनाथ हो रहे हैं”.