डीजीपी के मामले में केंद्र का एक और रिमाइंडर

Saurav Singh Ranchi: केंद्र सरकार ने राज्य के डीजीपी अनुराग गुप्ता प्रकरण में राज्य सरकार को फिर रिमाइंडर भेजा है. इसमें यह कहा गया है कि डीजीपी के पद पर अनुराग गुप्ता की नियुक्ति नियम सम्मत नहीं है. केंद्र ने यह भी कहा है कि ऑल इंडिया सर्विस के अधिकारियों के मामले में नियम बनाने का अधिकार राज्य के पास नहीं है. केंद्र सरकार द्वारा डीजीपी प्रकरण में लिखा जाने वाला यह तीसरा पत्र है. इस पत्र में भी केंद्र सरकार ने यह कहा है कि अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों को अवधि विस्तार देने का अधिकार सिर्फ केंद्र सरकार के पास है. आइपीएस अधिकारी अनुराग गुप्ता की सेविनिवृति तिथि 30 अप्रैल 2025 थी. केंद्र सरकार ने उन्हें सेवा विस्तार का लाभ नहीं दिया है. केंद्र सरकार ने अपने पत्र में यह भी कहा है कि ऑल इंडिया सर्विस के अधिकारियों के लिए नियम बनाने का अधिकार केंद्र सरकार के पास है. राज्य सरकार उनकी सेवा शर्तों आदि से संबंधित नियम नहीं बना सकती है. केंद्र सरकार ने राज्य सरकार द्वारा डीजीपी की नियुक्ति के लिए बनाये गये नियम को भी सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश के खिलाफ माना है. साथ ही राज्य सरकार द्वारा बनाया गये नियम को सही नहीं माना है. राज्य सरकार का यह मानना है कि डीजीपी नियुक्ति के लिए बनाया गया नियम सही है. राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश के आलोक में महाधिवक्ता की राय लेने के बाद डीजीपी की नियुक्ति से संबंधित नियम बनाया है. इसी नियम के तहत अनुराग गुप्ता की नियुक्ति डीजीपी के पद पर हुई है. इस मामले में एक और पक्ष यह है कि अनुराग गुप्ता राज्य सरकार के आदेश पर डीजीपी के पद पर पदस्थापित हैं. उन्हें डीजीपी बनाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित है. कोर्ट का फैसला आया नहीं है. राज्य सरकार को उम्मीद है सुप्रीम कोर्ट डीजीपी नियुक्ति के लिए बने नियम को सही करार देगी.
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